इंदौर नगर निगम ने बाधक मकानों को लेकर मंत्री के सामने प्रजेंटेशन दे दिया है, हालांकि इसमें कई दिक्कतें हैं। सेंट्रल लाइन मार्किंग से पहले नगर निगम मकानों की बिल्डिंग परमिशन की फाइलें खंगाल रहा है। कुछ मकानों की फाइल नहीं मिलने से परेशानी आ सकती है।
मास्टर प्लान की दो दर्जन सड़कों के निर्माण के लिए सरकार से विशेष सहयोग के तौर पर आर्थिक मदद मिली है। इसके लिए 450 करोड़ रुपए नगर निगम को मिल चुके हैं। निगम ने टेंडर जारी होने के बाद ठेकेदारों को भरोसा दिलाया है कि सड़क निर्माण का काम पूरा होने के एक सप्ताह में ही भुगतान कर दिया जाएगा।
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निगम ने सभी सड़कों को चार चरण में बनाने का निर्धारण किया है। पहले चरण में 8 सड़कें बनेंगी। निगम का दावा है कि इन सड़कों का काम तेजी से होगा, हालांकि टेंडर आदि की प्रक्रिया होने के बाद भी यह काम शुरू होने में अभी एक से दो महीने का समय और लग सकता है।
जिन सड़कों का काम पहले शुरू होना है, वहां की बिल्डिंग परमिशन और नक्शे निकालने की कवायद चालू हो गई है। कई ऐसी सड़कें हैं, जिन पर काफी पुराने समय से मकान बने हैं। इनके नक्शे के रिकॉर्ड ढूंढने में दिक्कत आ रही है।
सेंट्रल लाइन ही नहीं बनी
नगर निगम ने सड़क निर्माण के लिए अब तक सेंट्रल लाइन की मार्किंग ही नहीं की है। पहले प्राथमिक सर्वे करना होगा और बिल्डिंग परमिशन की फाइल का अवलोकन किया जाएगा। इसमें तय होगा कि किस जगह नक्शे के अनुरूप कहां और कितना मकान का निर्माण है। उस आधार पर दोनों तरफ आंकलन कर सेंट्रल लाइन डाली जाएगी।
सड़क निर्माण में हजारों मकान और धार्मिक स्थल बाधक हैं। जो मकान बाधक मिलेंगे, उन्हें हटाने के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। 15 दिनों तक का समय खुद मकान हटाने के लिए दिया जाएगा।
बाधक बने मकान और धार्मिक स्थलों को तोड़ने से बचाने के लिए हाल ही में हुई बैठक में जनप्रतिनिधियों ने निगम अफसरों के सामने आपत्ति भी ली थी। सड़क के लिए पूरे मकान टूटने की आशंका भी जताई थी, लेकिन अब तक अफसर यह तय ही नहीं कर पाए हैं कि किसके और कितने मकान तोड़े जाएंगे। इससे पहले ही जनप्रतिनिधि और मकान मालिकों ने विरोध शुरू कर दिया था।
मांग उठ रही है कि निगम अफसरों को जल्द से जल्द सेंट्रल लाइन मार्किंग करवा देनी चाहिए। इससे स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधि को पता चल सकेगा कि उनकी विधानसभा और वार्ड में कितने मकान टूटेंगे जिससे वे प्रभावितों की मदद कर सकेंगे।
निगम के जनकार्य विभाग के अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी ने बताया कि अभी काम शुरू होने में एक माह लग सकता है। निगम पहले सड़कों को बनाने के लिए एक सेंट्रल लाइन मार्किंग करेगा। इसमें बाधक चिन्हित होंगे। बिल्डिंग परमिशन की फाइल निकाली जा रही है। नोटिस जारी कर 15 दिनों में हटाया जाएगा।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक बैठक में टीएंडसीपी के अधिकारियों को सेंट्रल लाइन तय करने के निर्देश दिए थे। निगम बिल्डिंग परमिशन और नक्शे निकाल रहा है। सेंट्रल लाइन के मान से ही सड़कों की चौड़ाई अनुसार बाधकों का चिन्हांकन किया जाएगा।
सड़क निर्माण में बाधक मकान और धर्म स्थल
सुभाष मार्ग मंदिर से रामबाग पुल तक 304 मकान, 15 धार्मिक स्थल एमआर 10 से एमआर 12 को जोड़ने 6 मकान, 1 धार्मिक स्थलवाली लिंक रोड
एमआर 5 बड़ा बांगड़दा से पीएमएवाय की 70 मकान, 2 धार्मिक स्थलमल्टी तक भमोरी तिराहे से एमआर 10 व राजशाही 35 मकान, 1 धार्मिक स्थलगार्डन से होटल वॉव तक नेहरू प्रतिमा मधुमिलन चौराहे से छांवनी 328 मकानपुल तक
एडवांस एकेडमी से रिंग रोड तक 199 मकान, 3 धार्मिक स्थल जमजम चौराहा से स्टार चौराहे तक तथा रिंग रोड खजराना मंदिर द्वार से जमजम चौराहे तक 261 मकान, 2 धार्मिक स्थल