36 मिनट में पढ़ा 10 पेज का प्रस्ताव
महापौर ने दोपहर 3.12 बजे बजट प्रस्तुत करना शुरू किया और 36 मिनट में 10 पेज का प्रस्ताव पढकऱ बताया कि निगमायुक्त ने 23.44 अरब की आय बताकर 23.20 अरब के व्यय प्रस्ताव में 5 प्रतिशत रक्षित निधि 24.26 लाख पर 34.26 लाख का लाभ दिखाते हुए मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) के सामने भेजा था। इसके बाद एमआइसी ने निगम के सभी विभागों के वित्तीय आय-व्यय की स्थिति का आंकलन कर चालू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए कुल बजट पूंजीगत तथा राजस्व मद में कुल 2513 करोड़ 32 लाख 55 हजार रुपए की आय पर 2488 करोड़ 67 लाख 60 हजार रुपए व्यय का प्रस्ताव तैयार किया। इसमें स्वयं के स्रोतों से आय का पांच प्रतिशत 24 करोड़ 54 लाख 46 हजार 700 रुपए रक्षित निधि में रखते हुए 10.48 लाख रुपए के शुद्ध लाभ का बजट बनाया गया है।इस तरह समझिए…. शहर की जरूरत का बजट
-स्वच्छ भारत मिशन व एसबीएम : 334.75 करोड़ बीते वर्ष 215 करोड़ -एसबीएम में 336 टन सूखे कचरे से प्रतिदिन बायो सीएनजी गैंस प्लांट व 277 टन प्रतिदिन एमआरएफ प्लांट पर 88.82 करोड़ खर्च होंगे।-48 पब्लिक टॉयलेट का निर्माण 12 करोड़
-केदारपुर व बुद्धापार्क पर लीगेसी वेस्ट व डंप साइट पर 33.94 करोड़
-रोड स्वीपिंग मशीनें खरीदी जाएंगी 5.50 करोड़
-डोर टू डोर वाहन 3.27 करोड़
अमृत योजना 2.0 (चम्बल परियोजना) 917 करोड़ व बीते वर्ष 812 करोड़
शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए कच्चे पानी की व्यवस्था के लिए चंबल नदी व कोतवार डैम के पानी को वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट तक पंपिंग पर 458.68 करोड़।
-ग्राम देवरी में संपवेल, पंपिंग स्टेशन,कोतवार जलाशय मुरैना में इंटेक वैल अप्रोच ब्रिज, ग्वालियर तक के लिए 44 किमी पाइप लाइन बिछाई जाएगी।
-क्वारी, आसन व सांक नदी पर पाइप लाइन क्रॉस करने के लिए तीन नए पुल बनाए जाएंगे।
-ग्रामीण क्षेत्र के छह वार्डों में चार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट,26 पानी की टंकी व 834 किमी लाइन व 18283 घरेलू कनेक्शन होंगे।
अमृत 2.0 सीवरेज
-निगम के वार्ड 1 से 60 तक 156 किमी. सीवरेज नेटवर्क व 14 एमएलडी के सीवेट प्लांट का निर्माण।-मोतीझील ओल्ड व न्यू प्लांट पर पानी के परीक्षण के लिए एनबीएल से मान्यता के लिए लक्ष्य रखा गया है।
जनकार्य विभाग : 707 करोड़, बीते वर्ष 492 करोड़
-शहर की सडक़ों पर 40 किमी डामरीकरण और 25 किमी सीसी सडक़ें बनाई जाएंगी। -5 किमी में फुटपाथ को डस्ट फ्री और 10 किमी सडक़ों को डस्ट फ्री किया जाएगा।
राजस्व
-हजीरा स्थित इंटक मैदान में बनाई 43 दुकानों को किराया पर देकर 3.5 करोड़।
-निगम की 168 खाली दुकानों से 15 करोड़ और टाउन हॉल के रिनोवेशन से आय बढ़ाई जाएगी।
पार्क :10 करोड़
-शहर के गांधी, अंबेडकर, लेडीज पार्क में स्प्रिंकलर सिस्टम स्थापित के साथ सभी बड़ों पार्क में डवपलमेंट और पार्कों में ओपन जिम व खेल उपकरण स्थापित के साथ सीमेंट व ऑरनामेंटल कुर्सियां लगाई जाएंगी।
गांधी प्राणी उद्यान : 15 करोड़ बीते वर्ष 10 करोड़
गांधी प्राणी उद्यान (चिडिय़ाघर) का विस्तार किया जाएगा और स्वर्ण रेखा नाले के पार नवीन पक्षीघर व सर्पघर का निर्माण के साथ पूरी चिडिय़ाघर में साइनबोर्ड लगाए जाएंगे।
विद्युत : 41 करोड़ 40 करोड़
-शहर में 2047 एलईडी 54.85 लाख, 12 चौराहों व 20 वेस्ट टू आर्ट सहित कुल 32 स्थानों पर फसाड लाइट 1.23 करोड़, सीबीजी प्लांट पर विद्युत कनेक्शन के ट्रॉसफार्मर, गोले के मंदिर से महाराजपुरा तक पोल पर लाइटें 1.07 करोड़ में किया जाएगा।
-ग्वालियर व ग्रामीण विधानसभा के शमशान व कब्रिस्तान में हाईमास्ट 45.50 लाख में लगाए जाएंगे।
-न्यू हाईकोर्ट रोड व कलेक्ट्रेट रोड राजमाता चौराहे से 13 पोलों लाइटें 64.57 लाख।
-20 मीटर के 2 हाईमास्ट और टेढ़े पोलों को सही करने पर 60 लाख, निगम बिल्डिंग पर लाइटें 16 लाख।
-अवाडपुरा,महलगांव पहाड़ी, गोले के मंदिर से महाराजपुरा तक पोल शिफ्टिंग पर 1.66 करोड़।
कार्यशाला : 78 करोड़ बीते वर्ष 69 करोड़
कार्यशाला में 8 थ्रीडी, 19 नंग ईवी,11 सीएनजी ओपन टिपर,3 नग सीवर सक्शन, डस्टबिन,वाहनों की बीमा फिटनेस पर 62 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
-600 से अधिक वाहन किराए और उनके डीजल, पेट्रोल, सीएनजी पर खर्च होने के लिए 29 करोड़ की राशि रखी गई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना :
-प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग 3000 आवासों का निर्माण किया जाएगा, इसमें 2000 ईडब्ल्यूएस के प्रस्तावित है। इसमें 500 करोड़ खर्च होंगे।
-बीएलसी घटक के लिए 100 करोड़ की राशि बजट में रखी गई है।
समय पर दी जाए चुंगी क्षतिपूर्ति
शासकीय सेवकों को समय पर वेतन तथा अन्य लाभ व स्वच्छता कार्य में तेजी लाने के उद्देश्य से शासन को चुंगी क्षतिपूर्ति में वृद्धि के लिए पत्र भेजा गया है। जिसमें इन्दौर को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की तुलना में ग्वालियर नगर निगम को दी जाने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति अत्यन्त कम होने से वृद्धि की मांग की गई है।
यह बोले पार्षद
बजट के बहाने झूठ का पुलिंदा किया पेश
-एक बार बजट के बहाने महापौर ने सबके सामने झूठ का पुलिंदा पेश किया है। ऐसे ही बजट से पहले भी बेवकूफ बना चुके हैं फिर बनाया है। सारा का सारा कॉपी पेस्ट चल रहा है।– ब्रजेश श्रीवास, पार्षद
सीवर-लाइट की समस्याएं अभी तक बनी हुई हैं
केन्द्र-राज्य सरकारों पर आधारित है। सीवर-लाइटों की समस्याएं अभी तक बनी हुई हैं। कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। मुरैना से पानी लाने की बात भी पुरानी है।– देवेन्द्र राठौर, पार्षद
ऐसे झूठ नहीं बोलना चाहिए
-अव्यवस्थाओं का शहर है इस बजट में उसकी चिंता नहीं है। डस्ट फ्री बनाने का वादा है, लेकिन एक भी सडक़ अभी तक नहीं बनी है। ऐसे झूठ नहीं बोलने चाहिए।
– गिर्राज कंषाना, पार्षद
यह बजट सिर्फ झूठ का पुलिंदा
आय बढ़ाना चाहते है, लेकिन लीकेज रोकने पर ध्यान नहीं है, बैजाताल की जमीन का किराया कहां जमा हो रहा था, उसका पता आज तक नहीं लग सका है। यह बजट सिर्फ झूठ का पुलीदा है।-हरिपाल, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम
यह बजट जनता लिए सबसे बेहतर बजट
हमने बजट में आम जनता पर किसी भी प्रकार का आर्थिक बोझ नहीं डाला और न ही नया कर लगाया है। यह बजट जनता के लिए सबसे बेहतर बजट है।बजट का अध्ययन करके ही कुछ बता सकेंगे
महापौर की ओर से 2513 करोड़ का बजट सदन में पेश किया गया है। अभी बजट का अध्ययन करेंगे, उसके बाद ही कुछ बता सकते हैं।
–मनोज तोमर, सभापति नगर निगम