एनएचएआई (NHAI) द्वारा उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान तीनों राज्यों में 88.400 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए उदयपुर की जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स कंपनी को 4612.65 करोड़ में ठेका दिया गया है। कंपनी यह कार्य नवंबर से शुरु करेगी और 30 महीने यानी 2028 में पूरा करना होगा। सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे में मध्यप्रदेश के चार जिले शामिल हैं। इसमें यूपी के 14, राजस्थान के 18 और मध्य प्रदेश के 30 गांवों की जमीन अधिग्रहण किया गया है।
इन गांवों की भूमि हुई अधिग्रहण
- मध्यप्रदेश- मुरैना-ग्वालियर
ग्वालियर के सुसैरा गांव की 5 हेक्टेयर और मुरैना के दिमनी, चंबल क्रॉस व मुरैना रोड सहित 25 गांव की 250 हेक्टेयर भूमि। - उत्तरप्रदेश- आगरा
आगरा के देवरी आगरा बायपास, इरादत नगर, श्मश्वाद व सोसा सहित 18 गांव की 132 हेक्टेयर भूमि आ रही है। - राजस्थान- धौलपुर
धौलपुर की राधा खेडा, मछरिया सहित 23 गांव की 162 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित।
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट में अभी भू-अधिग्रहण का काम पूरा होने के बाद हितग्राहियों को राशि वितरण का कार्य अंतिम चरण में है। यह कार्य पूरा होते ही नवंबर से कार्य शुरू किया जाएगा। एनओसी सहित सभी कार्य पूरे हो चुके हैं। -प्रशांत मीणा, मैनेजर एनएचएआई
राशि वितरण का चल रहा कार्य
यह एक्सप्रेस-वे मुरैना दिमनी के बीच से होकर शनिश्चरा क्षेत्र से होते हुए सीधे ग्वालियर के महाराजपुरा क्षेत्र से जुड़ेगा। प्रोजेक्ट में आने वाले 30 से अधिक गांवों की भूमि अधिग्रहण का काम पूरा होने के साथ अब प्रभावित किसानों को अवार्ड की राशि का वितरण किया जा रहा है।
दिमनी, अबाह और पोरसा को मिलेगा अधिक फायदा
एक्सप्रेस-वे के बनने से सबसे अधिक फायदा दिमनी, अबाह और पोरसा क्षेत्र के लोगों को होगा। क्योंकि अभी तक इन क्षेत्रों के लोगों को आगरा जाने के लिए 130 किलोमीटर का सफर करीब 4 घंटे में पूरा करना पड़ता है। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद 50 किलोमीटर की दूरी सिर्फ डेढ़ घंटे में पूरी कर आगरा पहुंच सकेंगे। हाइवे की भी करनी होगी मरमत
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के साथ कंपनी को ग्वालियर से धौलपुर होकर आगरा जाने वाले नेशनल हाइवे 44 की मरमत कार्य भी करनी होगी। कंपनी को वर्तमान हाइवे की मरमत के लिए सिर्फ एक साल का समय दिया जाएगा, यानी अक्टूबर-2026 तक कंपनी को इस हाइवे की मरमत करनी होगी।
प्रोजेक्ट पर एक नजर
- ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे पर एकसाथ 31,435 चार पहिया वाहन गुजर सकेंगे।
- एक्सप्रेस-वे बनने से लोगों का डेढ़ घंटे समय बचेगा। अभी ग्वालियर से आगरा तक पहुंचने में तीन घंटे का समय लगता था, एक्सप्रेस-वे से सिर्फ 90 मिनट लगेंगे।
- एक्सप्रेस-वे आगरा, धौलपुर, मुरैना और ग्वालियर के 63 गांव के 550 हेक्टेयर क्षेत्र की भूमि से होकर गुजरेगा।
- एक्सप्रेस-वे में आठ बड़े पुल, 23 छोटे-छोटे पुल, छह लाइओवर, पांच एलिवेटेड वायडक्ट, एक रेल ओवरब्रिज और 42 अंडरपास बनाए जाएंगे।
- 100 किलोमीटर की अधिक रतार से चल सकेंगे वाहन, जीपीएस आधारित टोल सिस्टम व एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम रहेगा।
- कंट्रोल रूम से गाड़ियां रुकने पर या हादसा होने पर तुरंत एबुलेंस पहुंचेगी, फायर फाइटर और केन तक सूचना पहुंचेगी।
- पर्यावरण और वन संचरण के लिए सुरंगे और वाया डक्ट बनेंगे।
- सड़क पर कहीं भी घाट नहीं पड़ेंगे और सभी पहाड़ी इलाकों को रीअलाइन किया जाएगा।