इससे वकील गुस्सा गए और बाहर निकल आए। यहां पुलिस ने बीचबचाव का प्रयास किया, लेकिन यहां भी एक-दूसरे को चुनौती देते रहे। इसके चलते भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट हो गई। पुलिस बल ने भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं को बचाया। वकीलों से भी शांत रहने की विनती की। पुलिस दोनों पक्षों को हटाया। भीम आर्मी व वकीलों ने एक दूसरे को सोशल मीडिया पर चुनौती दी थी।
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सोशल मीडिया पर प्रतिमा स्थापित किए जाने की खबरें चल रही थी। इसको लेकर पुलिस सुबह से ही अलर्ट पर रही। हाईकोर्ट के बाहर पुलिस बल तैनात हो गया। परिसर के अंदर वकीलों ने पेडस्टल पर लगे राष्ट्रध्वज पर राष्ट्रगान किया। सुबह 10 बजे बड़ी संख्या में वकील एकत्रित हो गए। डॉ बाबासाहेब आंबेडकर प्रतिमा के समर्थक वकीलों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा कि 19 मई को जबलपुर में चीफ जस्टिस के साथ बैठक है। इसके लिए वह जबलपुर जा रहे हैं। दोपहर में कुर्सी डालकर वकील बैठे रहे। शाम 4 बजे के आसपास विवाद हो गया।
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17 मई को प्रतिमा का अनावरण प्रस्तावित था। हालांकि विवाद के चलते यह तारीख टल गई। इस तारीख को लेकर एक अधिवक्ता ने प्रतिमा स्थापना के समर्थक संगठनों को चुनौती दी। वकील ने कहा कि ‘आज 17 तारीख हो चुकी है। कहां है भीम आर्मी व भीम सेना। क्या उनकी हवा निकल गई है। परिसर खाली पड़ा है। हम तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं। आप मूर्ति लगवाओ, हम तुम्हारी प्रतिमा की प्रतिष्ठा करवाएं।’ वकील ने उत्तेजक भाषा का उपयोग करते हुए कहा कि ‘प्रदेश में जो… नाच किया है, हम तुम्हें देखते हैं।’
इस चुनौती को भीम आर्मी के रूपेश केन ने स्वीकार किया और अपने साथियों के साथ डबरा से ग्वालियर आए। हाईकोर्ट रोड पर जजेस बंगले के प्रवेश द्वार पर उन्होंने भी लाइव किया। कहा कि मैं भी आ चुका हूं। भीम आर्मी व वकील आमने-सामने आ गए। दोनों के बीच झड़प हो गई।
जबलपुर जाने की तैयारी
चीफ जस्टिस के साथ 19 मई को जबलपुर में बैठक होगी। इसके लिए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से कौन-कौन जा रहे हैं। इसकी निर्णय रविवार शाम को होगा। प्रतिमा को लेकर बैठक में शामिल होंगे।