नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित को कांग्रेस पार्टी ने निकाल दिया है। दरअसल, कृष्णराव दीक्षित ने पिछले दिनों कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की थी, साथ ही केंद्र की मोदी सरकार की तारीफ भी की थी। दीक्षित के इस रवैय्ये पर पार्टी ने उन्हें नोटिस जारी कर कीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा था। हालांकि, नोटिस मिलने के बाद भी दीक्षित अपने बयान पर कायम रहे, जिसका खामियाजा ये रहा कि कांग्रेस ने नेता के रवैय्ये को अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाते हुए निष्कासित कर दिया है।
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कांग्रेस अनुशासन समिति ने दीक्षित को भेजे नोटिस में कहा कि, उनके साक्षात्कार एवं साक्षात्कार के ऑडियो को कांग्रेस अनुशासन समिति ने पढ़ा एवं ऑडियो सुना, जिसमें कहा गया है कि, कांग्रेस पर कम्युनिस्ट विचारधारा हावी हो गई है और कांग्रेस अपनी विचारधारा से भटक गई है, उनके द्वारा साम्प्रदायिक ताकतों को समाज व राष्ट्र के हित में बताया गया है, कांग्रेस के नीतिगत निर्णय जो वफ्फ बोर्ड के सबंध में लिया गया था, उसका भी उनके द्वारा विरोध किया गया। उनके द्वारा अपनी बात पार्टी मंच पर न रखते हुए इस तरह का साक्षात्कार देना कांग्रेस संविधान के अनुसार अनुशासनहीनता की परिधि में आता है।
पार्टी ने 3 दिन में जवाब देने को कहा था
शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा के निर्देश पर अनुशासन समिति ने निर्णय लिया था कि दीक्षित अपने इस कथन पर 3 दिन में स्पष्टीकरण जिला कांग्रेस कार्यालय में पेश करें, लेकिन तीन दिन बाद भी दीक्षित अपने बयान पर अड़िग रहे, जिसके चलते जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए पार्टी से निकाल दिया गया है। यह भी पढ़ें- इस दिन शुरु हो रही इंदौर मेट्रो! पीएम मोदी दिखाएंगे हरी झंडी, बड़े आयोजन की तैयारी भाजपा में शामिल हो सकते हैं दीक्षित
वहीं, अब ऐसी चर्चा भी जोरों पर है कि, ग्वालियर कांग्रेस के पूर्व नेता कृष्णराव दीक्षित जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। क्योंकि, कृष्णराव दीक्षित को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बेहद करीबी बताया जाता है।