शादी किसकी थी ?
हमीरपुर जिले के राठ कस्बे के चरखारी रोड निवासी राजीव उर्फ राजू द्विवेदी एक किसान हैं और लगभग 55 बीघे जमीन के मालिक हैं। उन्होंने अपने पुत्र विवेक उर्फ राजा द्विवेदी का विवाह महोबा जिले के सूपा गांव निवासी राकेश शुक्ला की पुत्री रोहिणी से तय किया था। विवाह समारोह के लिए कन्या पक्ष के लोगों ने राठ कस्बे में स्थित गेस्ट हाउस में आवश्यक तैयारियां की थीं।
इस बात की है चर्चा
गाजे-बाजे के साथ बरात गेस्ट हाउस पहुंची। बारातियों का भव्य स्वागत-सत्त्कार हुआ। शादी की साड़ी रस्मे पुरे विधि-विधान के साथ पूरी की गईं। मंडप में दूल्हे ने दुल्हन के साथ सात फेरे लिए। उसके बाद विदाई के वक़्त दूल्हे ने लक्सरी गाडी से विदाई के लिए मना कर दिया। लड़के ने बैलगाड़ी से विदाई की इच्छा जताई। फूलों से सजे बैगाडी पर लड़की की विदाई हुई। दूल्हा क्या कहा ?
शादी के संपन्न होने के बाद दूल्हे राजा द्विवेदी ने बताया कि उनके पिता की इच्छा थी कि दुल्हन की विदाई बैलगाड़ी से हो। इसलिए पिता की इस इच्छा को आज पूरा किया गया। बैलगाड़ी से दुल्हन को घर लाने में काफी समय लग गया, लेकिन जैसे ही वे घर के दरवाजे पर पहुंचे, परिवार और पड़ोसियों ने जोरदार स्वागत किया।