मदद का भरोसा
हादसे के बाद मृतकाओं के परिजनों व ग्रामीणों ने सहायता राशि की मांग को लेकर शव उठाने से इनकार कर दिया था। कई दौर की वार्ता के बाद तत्कालीन जिला कलक्टर रुकमणी रियार व एसपी सुधीर चौधरी ने मृतकाओं के परिजनों को राज्य एवं केन्द्र सरकार से अलग-अलग पांच-पांच लाख रुपए की सहायता राशि दिलाने, क्षतिग्रस्त घरों का सर्वे करवा कर मुआवजा दिलाने का प्रस्ताव सरकार को भिजवाने पर सहमति दी थी। राज्य सरकार से पांच-पांच लाख रुपए मिल गए। हादसे में एक मकान पूर्णत: ध्वस्त हो गया तथा आसपास के कई मकानों को भी नुकसान हुआ था। अब तक राज्य सरकार से सर्वे करवा कर मुआवजा राशि नहीं दी गई है। जबकि केन्द्र सरकार ने मृतक सदस्य के परिवारों को एक-एक लाख व घायलों को 20 हजार रुपए अंतरित सहायता राशि दी थी और शेष राशि जो अधिकतम हो जांच के बाद उपलब्ध करवाने की बात कही गई थी जो अब तक नहीं मिली है। हालांकि वायुसेना सूरतगढ़ स्टेशन की टीम ने जरूर पीडि़त परिवारों को कई बार खाद्य सामग्री दी तथा घायलों के इलाज में मदद की। पूर्णत: मकान विहीन हुए रतिराम के दो कमरे व रसोई बनाए थे।
तीनों परिवार बीपीएल
तीनों मृतक महिलाओं के परिवार बीपीएल चयनित हैं तथा उनके पास कृषि भूमि नहीं है। दो परिवारों के तो मकान भी जोहड़ क्षेत्र में हैं। खेतों में दिहाड़ी मजदूरी कर गुजर-बसर करने वाले परिवार हैं।
हादसा : फ्लैशबैक
सूरतगढ़ वायुसेना स्टेशन से उड़ा फाइटर जेट मिग 21 8 मई 2023 की सुबह क्रेश होकर गांव बहलोलनगर के बाहरी इलाके स्थित रतिराम उर्फ रतन सिंह के घर पर गिर गया था। हादसे में बंशो कौर, बंतो कौर व लीला देवी की मौत हो गई थी तथा तीन महिलाएं घायल हुई थी। पायलट सकुशल पैराशूट से उतर गए थे। आसपास के कई मकानों को नुकसान पहुंचा था।
हो गया इनकार
मृतक महिलाओं के परिजन एक-दो बार मिले थे। उस संबंध में राज्य सरकार को लिखा भी था। वहां से इनकार हो गया था। यह बात परिजनों को बता दी थी। – उम्मेदीलाल मीणा, एडीएम हनुमानगढ़।