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मुंबई

हिंदी विरोध पर CM फडणवीस का राज ठाकरे को दो टूक जवाब, कहा- अंग्रेजी को बढ़ावा और भारतीय भाषा का तिरस्कार…

Hindi Marathi Row : हिंदी विरोध के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, हम अंग्रेजी का जितना सम्मान करते हैं, उतना ही भारतीय भाषाओं का भी करना चाहिए।

मुंबईJun 18, 2025 / 09:52 pm

Dinesh Dubey

Devendra Fadnavis Raj Thackeray Hindi row

हिंदी थोप रही फडणवीस सरकार, नहीं करेंगे बर्दाश्त- राज ठाकरे (Photo: IANS)

Devendra Fadnavis Raj Thackeray on Hindi Compulsion: महाराष्ट्र सरकार की ओर से पहली कक्षा से हिंदी भाषा को अनिवार्य करने की खबर ने सूबे की राजनीति में हलचल मचा दी है। महाराष्ट्र सरकार ने अपने सरकारी संकल्प (GR) में कहा कि हिंदी तीसरी भाषा होगी। लेकिन जो छात्र दूसरी भाषा सीखना चाहते हैं, उनके लिए कम से कम 20 इच्छुक छात्रों की आवश्यकता होगी। इस फैसले का महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने कड़ा विरोध किया है। बुधवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने साफ चेतावनी दी कि यदि राज्य सरकार ने यह नीति वापस नहीं ली, तो मनसे आंदोलन करेगी और फिर उसकी जिम्मेदारी मनसे की नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इसे चुनौती मानती है, तो ऐसे ही समझ ले।

राज बोले- जबरन हिंदी थोप रही सरकार, नहीं करेंगे बर्दाश्त, CM फडणवीस ने दिया जवाब

राज ठाकरे का विरोध ऐसे समय में आया है जब राज्यभर में हिंदी को अनिवार्य बनाए जाने को लेकर बहस तेज हो गई है। हालांकि इस विवाद पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि हिंदी भाषा अब अनिवार्य नहीं है और छात्रों को किसी भी भारतीय भाषा को तीसरी भाषा के रूप में चुनने की स्वतंत्रता दी गई है।
फडणवीस ने बताया कि राज्य सरकार ने शिक्षा पर जो नवीनतम आदेश (जीआर) जारी किया है, उसमें साफ कहा गया है कि मराठी भाषा हर स्कूल में अनिवार्य रहेगी। हिंदी को अब वैकल्पिक बना दिया गया है, और उसकी जगह कोई भी भारतीय भाषा तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि हिंदी को पहले इसलिए सुझाया गया था क्योंकि राज्य में हिंदी के शिक्षक बड़ी संख्या में हैं, लेकिन अब छात्रों को अपनी पसंद की किसी भी भारतीय भाषा को चुनने का अधिकार दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यदि किसी भाषा को पढ़ने के लिए कम से कम 20 विद्यार्थी इच्छुक होंगे, तो उस भाषा के लिए शिक्षक भी नियुक्त किया जाएगा और ऑनलाइन प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी।

भारतीय भाषाएं अंग्रेजी से बेहतर- CM

सीएम फडणवीस ने आगे कहा, मुझे केवल एक बात कहनी है कि हम सभी लोग अंग्रेजी को बढ़ावा देते हैं और भारतीय भाषाओं का तिरस्कार करते हैं, जो सही नहीं है। भारतीय भाषाएं अंग्रेजी से बेहतर हैं। भले ही अंग्रेजी व्यवहार की भाषा बन गई हो, लेकिन इस नई शिक्षा नीति ने जो सबसे महत्वपूर्ण काम किया है, वह यह है कि इसने मराठी को ज्ञान की भाषा बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है। अब इंजीनियरिंग, मेडिकल और एमबीए जैसे कोर्स भी मराठी भाषा में पढ़ सकते हैं, जो पहले कभी नहीं हुआ था।
फडणवीस ने स्पष्ट किया कि मराठी भाषा हर हाल में अनिवार्य रहेगी और हिंदी को केवल एक विकल्प के तौर पर रखा गया है। उन्होंने विवाद को अनावश्यक करार देते हुए कहा कि हिंदी के विकल्प भी मौजूद हैं, इसलिए जो छात्र कोई भी दूसरी भारतीय भाषा सीखना चाहता है, वह उसे सीख सकता है।

शिक्षा मंत्री ने क्या कहा?

वहीँ, राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने कहा, “मैं यह स्पष्ट करता हूं कि सभी माध्यम के स्कूलों में मराठी भाषा को पढ़ाना अनिवार्य है। कई स्कूलों में तीसरी भाषा कई वर्षों से पढ़ाई जा रही है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि तीसरी भाषा विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की मांग के आधार पर पढ़ाई जाएगी।“

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