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हनुमानगढ़

बेटे के दिल का नि:शुल्क हुआ सफल इलाज तो मजदूर पिता के चेहरे पर लौटी हंसी

नौ वर्षीय अंकित का आरबीएसके के तहत अहमदाबाद में कराया गया उपचार, नोहर के गांव लखासर निवासी अंकित को मिला बीमारी से छुटकारा, अहमदाबाद के अस्पताल में किया गया सफल ऑपरेशन

हनुमानगढ़Jun 23, 2025 / 12:03 pm

adrish khan

When the son's heart was successfully treated free of cost, the smile returned on the face of the laborer father

When the son’s heart was successfully treated free of cost, the smile returned on the face of the laborer father

हनुमानगढ़. नौ वर्षीय अंकित की जब-जब सांसें उखडऩे लगती तो मजदूर पिता की सांसें भी अटक जाती। बेटे के दिल में छेद का जब पिता को पता चला तो दोहरी चिंता ने उनको घेर लिया। पहला कष्ट तो यह कि मासूम बालक को यह गंभीर बीमारी और दूसरा उसके इलाज का भारी खर्च।
यह दोनों ही कष्ट आरबीएसके मतलब राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ने काट दिए। नोहर के गांव लखासर निवासी अंकित का अहमदाबाद के श्रीसत्य साईं अस्पताल में सफल ऑपरेशन हुआ है। इससे मजदूर पिता विजयपाल के चेहरे पर हंसी फिर लौट आई है। बच्चा अब बिलकुल स्वस्थ है और परिजनों के साथ है।

जरूरतमंद परिवार को राहत

सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि आरबीएसके टीम बी ने 21 अक्टूबर 2024 को भादरा के गांव मूंदडिय़ा छोटा में बच्चों की स्क्रीनिंग की तो वहां नोहर के गांव लखासर निवासी अंकित की बीमारी का पता चला। टीम ने बच्चे के पिता विजयपाल को आरबीएसके के तहत राज्य सरकार की ओर से अहमदाबाद के श्रीसत्य साईं अस्पताल में नि:शुल्क ऑपरेशन के बारे में बताया। परिजनों की स्वीकृति के बाद 19 मई 2025 को जयपुर में अंकित की समस्त जांचें कराई गई। इसके बाद 16 जून को ऑपरेशन हुआ। इस पूरी प्रक्रिया में नोहर बीसीएमओ डॉ. प्रदीप कड़वासरा, डीईआईसी सुनील शर्मा, आरबीएसके टीम बी के डॉ. अमरचंद एवं अन्य चिकित्साकर्मियों का सहयोग रहा।

नहीं थी बस की बात

बालक अंकित के पिता विजयपाल ने बताया कि वह मजदूरी कर आजीविका चलाते हैं। बीमारी के कारण अंकित हमेशा ही बीमार रहता था। उससे पढ़ाई भी सही प्रकार से नहीं हो पा रही थी। थोड़ा तेज चलने व खेलने पर ही उसकी सांसें चढऩे लगती थी। वह खाना भी ठीक प्रकार से नहीं खा पाता था। दिल में छेद का महंगा आपरेशन करवाना उनके बस के बात नहीं थी। यह बड़ी चिंता थी। ऑपरेशन के बाद अंकित अब अच्छा है।

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