जानें क्या है पूरा मामला
यह मामला हापुड़ जिले के धौलाना तहसील के डराना गांव से जुड़ा है। बीते 3 जून को जिलाधिकारी की जन चौपाल में किसान भूपेंद्र ने लेखपाल सुभाष मीणा पर खसरा-खतौनी की नकल निकालने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। इस शिकायत के बाद, डीएम अभिषेक पांडेय ने तत्काल प्रभाव से सुभाष मीणा को निलंबित कर दिया। बुधवार दोपहर जब सुभाष मीणा धौलाना तहसील कार्यालय से बाहर निकले, तो उन्होंने अचानक अपनी जेब से जहरीला पदार्थ निकालकर खा लिया। कुछ ही मिनटों में उनकी हालत बिगड़ने लगी। उन्हें तुरंत पिलखुवा के रामा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन हालत गंभीर बनी रहने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली के मेट्रो हॉस्पिटल रेफर कर दिया। गुरुवार सुबह यहीं उनकी मौत हो गई।
शिकायतकर्ता ने शिकायत वापस लेने के लिए मांगे 5 लाख!
सुभाष मीणा के परिजनों का आरोप है कि शिकायतकर्ता भूपेंद्र ने उनसे 5 लाख रुपए की मांग कर उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया था। परिजनों के अनुसार, जब सुभाष ने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो शिकायतकर्ता उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था। इसी मानसिक तनाव के चलते सुभाष मीणा ने यह आत्मघाती कदम उठाया।
सीएम योगी ने दिए जांच के आदेश
इस गंभीर घटना का संज्ञान लेते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ मंडल के आयुक्त और जोन के पुलिस महानिरीक्षक को जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द जांच पूरी कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। लेखपाल सुभाष मीणा के जहर खाने की सूचना मिलते ही राजस्व विभाग के कर्मचारी तुरंत अस्पताल पहुंच गए और वहां जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि डीएम ने बिना किसी समुचित जांच के लेखपाल को निलंबित कर दिया, जो पूरी तरह से गलत था। सुभाष मीणा की मौत के बाद लेखपाल संगठनों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर डीएम के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और मामले में जल्द से जल्द जांच व कार्रवाई की मांग की है।