फर्जी नियुक्ति पत्र यूट्यूब देखकर तैयार किया
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि सनोज ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर खुद ही फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र तैयार कर लिया था। उसने अपने परिजनों और गांव वालों को बताया कि उसकी VDO के पद पर तैनाती हो गई है और वह शाहजहांपुर में तैनात है। इसके बाद वह अक्सर घर से ड्यूटी के नाम पर निकल जाता था लेकिन असल में वह लखनऊ और अन्य स्थानों पर घूमने जाता था। इस बार भी उसने घरवालों से यही कहा कि वह शाहजहांपुर ड्यूटी पर जा रहा है।
महिला मित्र से मिलने लखनऊ गया
पुलिस पूछताछ में सनोज ने बताया कि इस बार वह लखनऊ में अपनी महिला मित्र से मिलने गया था। वह वहां काफी समय तक रुका और महिला मित्र के साथ घूमता-फिरता रहा। इसी दौरान जब वह घर लौट रहा था तो उसने सोचा कि कहीं उसके देरी से लौटने पर परिजन उस पर शक न करें। लूट की कहानी गढ़ी
यही सोचकर सनोज ने फर्जी लूट की कहानी गढ़ने की योजना बनाई। उसने खुद को अचेत अवस्था में शाहाबाद क्षेत्र में छोड़ने का नाटक रचा। इसके बाद अचेत अवस्था में पड़े हुए होने की सूचना खुद ही अप्रत्यक्ष रूप से अपने एक परिचित के माध्यम से परिवार और पुलिस तक पहुंचाई। पुलिस मौके पर पहुंची तो उसे सनोज शाहाबाद क्षेत्र से अचेत अवस्था में बरामद हुआ। प्रारंभिक जांच में जब पुलिस को उसकी कहानी में कई संदेहास्पद बातें मिलीं, तो उन्होंने गहराई से पूछताछ शुरू की।
पुलिस जांच में खुली पोल
हरदोई पुलिस की सूझबूझ और तकनीकी जांच ने इस पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने उसके मोबाइल की लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी पहलुओं से पड़ताल की तो पता चला कि वह शाहजहांपुर में कहीं गया ही नहीं। बल्कि वह लखनऊ में अपनी महिला मित्र के साथ समय बिता रहा था। पुलिस ने जब उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारी बात खुद ही कबूल कर ली।
वीडियो जारी कर मानी गलती
पुलिस के दबाव में सनोज ने खुद ही वीडियो जारी कर अपनी गलती स्वीकार की। वीडियो में उसने बताया कि उसने फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र यूट्यूब देखकर तैयार किया था। उसने यह भी स्वीकार किया कि वह शाहजहांपुर ड्यूटी पर नहीं जाता था, बल्कि इस बार भी वह लखनऊ घूमने गया था। लूट की झूठी सूचना देकर वह सिर्फ परिवार वालों को गुमराह करना चाहता था ताकि उसके घर देर से लौटने पर सवाल न उठें।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
हरदोई पुलिस ने इस मामले में सनोज के खिलाफ IPC की धारा 182 (झूठी सूचना देना) और 120बी (षड्यंत्र रचना) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि इस तरह का कृत्य न केवल समाज के लिए खतरनाक है बल्कि इससे पुलिस की मेहनत और संसाधनों का भी दुरुपयोग होता है। एसपी हरदोई ने बयान जारी कर कहा, “पुलिस ऐसे किसी भी मामले में कड़ा रुख अपनाएगी। झूठी सूचना देने और षड्यंत्र करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह समाज में अव्यवस्था फैलाने का प्रयास है।”
गांव में मचा हड़कंप
सनोज के कारनामे के सामने आने के बाद गांव में भी हड़कंप मच गया है। जहां पहले लोग उसे VDO समझकर सम्मान देते थे, अब उसकी सच्चाई सामने आने के बाद लोग हैरान हैं। परिजन भी बेहद शर्मिंदा हैं। परिवार के एक सदस्य ने कहा, “हमें नहीं पता था कि उसने फर्जी कागज बनाए हैं। अब जो हुआ, उससे हम बहुत दुखी हैं।”
फर्जी दस्तावेज बनवाने का ट्रेंड बढ़ा
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि किस तरह आज के युवाओं में फर्जी दस्तावेज तैयार कर समाज में खुद को बड़ा दिखाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया, यूट्यूब और इंटरनेट के जरिए आसान तरीके से फर्जी कागज तैयार करने की जानकारी मिल रही है, जिससे युवाओं को भटकाव की ओर ले जाया जा रहा है। पुलिस विभाग ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए साइबर सेल और जांच इकाई को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।