क्या होती है Chronic Venous Insufficiency?
क्रोनिक वेनस इंसफिशिएंसी एक ऐसी बीमारी है जिसमें पैरों की नसें खून को वापस दिल तक ठीक से नहीं पहुंचा पाती हैं। इसका मतलब यह होता है कि खून पैरों में नीचे की तरफ जमने लगता है जिससे पैरों में सूजन, भारीपन, दर्द और जल्दी थकान जैसी समस्याएं होने लगती हैं। यह परेशानी खासकर उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है जो लंबे समय तक खड़े रहते हैं, घंटों तक बैठकर काम करते हैं, शारीरिक रूप से बहुत कम सक्रिय रहते हैं या जिनकी उम्र ज्यादा है और वजन ज्यादा होता है। नसों की यह कमजोरी धीरे-धीरे विकसित होती है और समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह और भी परेशानी बढ़ा सकती है।
क्रोनिक वेनस इंसफिशिएंसी के लक्षण क्या हैं? (Chronic Venous Insufficiency Symptoms in Hindi)
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, Chronic Venous Insufficiency (CVI) के कुछ आम लक्षणों में पैरों या टखनों में सूजन आना (खासकर लंबे समय तक खड़े रहने के बाद), पैरों में दर्द या भारीपन महसूस होना, रात में ऐंठन या जकड़न होना, त्वचा का रंग बदल जाना या उसका सख्त हो जाना शामिल है। इसके अलावा पैरों में खुजली या जलन महसूस हो सकती है, नसें उभर कर नीली दिखाई देने लगती हैं जिन्हें वैरिकोज नसें कहा जाता हैऔर कुछ मामलों में टखनों के पास घाव या अल्सर भी हो सकते हैं।
क्या Chronic Venous Insufficiency खतरनाक है?
हालांकि यह बीमारी जानलेवा नहीं मानी जाती लेकिन अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो इससे गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। जैसे – Venous Ulcers (पैरों के पास लंबे समय तक न भरने वाले घाव)। Postphlebitic Syndrome, जो DVT (Deep Vein Thrombosis) के बाद हो सकता है। पैरों में स्थायी सूजन और त्वचा में बदलाव।
कितनी आम है यह बीमारी?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के अनुसार, अमेरिका में 10% से 35% वयस्क Chronic Venous Insufficiency से प्रभावित होते हैं। हर साल करीब 1.5 लाख नए मामले सामने आते हैं। 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में इसके मामले सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। इसके जोखिम को बढ़ाने वाले अन्य कारण हैं। आनुवंशिक कारण (फैमिली हिस्ट्री) धूम्रपान अधिक वजन निष्क्रिय जीवनशैली
Chronic Venous Insufficiency से बचाव और इलाज कैसे किया जा सकता है?
हालांकि यह बीमारी पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकती है लेकिन सही जीवनशैली और चिकित्सकीय देखभाल से इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है। लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने से बचें। हर 30-40 मिनट में चलने या पैरों को हिलाने की आदत डालें। आराम करते समय पैरों को थोड़ा ऊँचा रखें, ताकि वे दिल से ऊपर रहें।
नियमित रूप से वॉक करें। वजन कंट्रोल में रखें। त्वचा की देखभाल करें (मॉइश्चराइज) करें। डॉक्टर की सलाह से कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स पहनें। पैरों में किसी भी तरह के घाव या रंग बदलाव पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डोनाल्ड ट्रंप की उम्र को देखते हुए यह बीमारी असामान्य नहीं है। Chronic Venous Insufficiency एक आम स्थिति है जिसे समय पर पहचान और देखभाल से अच्छी तरह कंट्रोल किया जा सकता है। ट्रंप के डॉक्टरों ने इसे कोई बड़ी बीमारी नहीं माना है लेकिन उन्हें रोजाना अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है।