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Effects Of Screen Time At Night: सोने से पहले फोन स्क्रॉल करने से हर हफ्ते 50 मिनट की नींद का नुकसान

Effects Of Screen Time At Night: शोध से यह पता चला है कि अधिक स्क्रीन देखने पर शरीर के आंतरिक चक्र में गड़बड़ी हो सकती है, जिससे हर सप्ताह लगभग एक घंटे की नींद कम हो जाती है। आइए इस बारे में विस्तार से जानें।

भारतMar 29, 2025 / 11:04 am

MEGHA ROY

Side effects of using phone at night

Side effects of using phone at night

Effects Of Screen Time: आज के समय में स्क्रीन टाइम (Screen Time) इतना बढ़ गया है कि इसका असर हमारी नींद पर पड़ने लगा है। जी हां, आपने सही सुना है, सोने से पहले फोन स्क्रॉल करने से हर हफ्ते 50 मिनट की नींद का नुकसान हो सकता है। इस आदत के कारण हमारे शरीर का आंतरिक चक्र बिगड़ जाता है, जिससे नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ता है और हम पूरी तरह से आराम नहीं कर पाते। तो, चलिए जानते हैं कि यह आदत कैसे हमारी नींद को प्रभावित करती है और इससे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

अधिक स्क्रीन देखने पर शरीर के आंतरिक चक्र में गड़बड़ी (Disturbances in the body’s internal cycles due to excessive screen viewing)

वॉशिंगटन, सोने से पहले नियमित रूप से मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले वयस्क हर सप्ताह लगभग एक घंटे की नींद खो रहे हैं। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के शोध के अनुसार रोजाना बहुत ज्यादा स्क्रीन देखने से व्यक्ति के शरीर के 24 घंटे के आंतरिक चक्र में गड़बड़ी हो सकती है। यह चक्र हमारे सोने-जागने के पैटर्न, हार्मोन उत्पादन, शरीर के तापमान और अन्य महत्वपूर्ण शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करता है।
इसमें गड़बड़ी होने से व्यक्ति को प्रत्येक सप्ताह लगभग एक घंटे कम नींद आती है। जामा नेटवर्क जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक देर रात तक स्क्रीन देखने वाले लोग सुबह देर से उठते हैं। ऐसे लोगों का आंतरिक चक्र बिगड़ता है और वे दिनभर के कामों के समय में तालमेल नहीं बैठा पाते हैं। इससे नींद में गड़बड़ी होती है।

1,22,000 लोगों पर अध्ययन -Study

शोध के दौरान 1,22,000 से ज्यादा लोगों पर अध्ययन किया गया। इनमें से 41 प्रतिशत लोग रोज सोने से पहले फोन पर स्क्रॉल करते थे। स्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करने वालों की तुलना में उनकी खराब नींद की संभावना 33 प्रतिशत अधिक मिली।
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नींद के प्राकृतिक चक्र बिगड़ने की परेशानी (Disruption of natural sleep cycle)

अंधेरे में हमारे शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन बनता है। इस काम से हमें नींद आती है। शोध के मुताबिक फोन या दूसरे डिजिटल स्क्रीन से निकलने वाली रोशनी मेलाटोनिन बनने नहीं देती। इससे नींद का प्राकृतिक चक्र बिगड़ जाता है।

स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करने के उपाय (Ways to control screen time)

स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करने के लिए सोने से कम से कम एक घंटे पहले मोबाइल का उपयोग न करें। रात को अच्छी नींद पाने के लिए, फोन को दूर रखें और एक आरामदायक नींद वातावरण तैयार करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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