अदरक के फायदे : Ginger Benefits
पीरियड्स में सर्दियों में सूजन और दर्द होना सामान्य है। अदरक में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं, जो मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से राहत प्रदान कर सकते हैं। यदि आपको पीरियड्स के दौरान अधिक ऐंठन का सामना करना पड़ता है, तो अदरक का सेवन करके आप आराम पा सकते हैं। डायबिटीज में डायबिटीज या हृदय रोग से ग्रसित व्यक्तियों के लिए अदरक का सेवन अत्यंत लाभकारी है। यह न केवल रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में सहायक है, बल्कि हृदय की नसों को भी स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। इस प्रकार, यह दोनों बीमारियों को नियंत्रण में रखने में सहायक होता है।
सिरदर्द में यदि आप 20 ग्राम अदरक को पीसकर उसका आधा कप रस पीते हैं और पिसे हुए अदरक को अपने माथे पर लेप के रूप में लगाते हैं, तो सिरदर्द समाप्त हो जाएगा। एक क्लिनिकल अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि माइग्रेन से राहत देने वाली दवा ट्रिप्टान और अदरक का प्रभाव समान होता है।
गठिया में गठिया से ग्रसित व्यक्तियों को इससे काफी आराम मिलता है। आपको उच्च मात्रा में दर्द निवारक दवाएं लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और आप इसे बिना किसी दुष्प्रभाव के ठीक कर सकते हैं। अदरक के फाइटोकेमिकल्स भारी दवाओं के कारण आंतरिक पेट की परत को होने वाले नुकसान को कम करने या उसकी मरम्मत में उत्कृष्ट भूमिका निभाते हैं।
सर्दी और जुकाम में अदरक का सेवन सर्दी और जुकाम के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह सबसे पहले फेफड़ों में गर्मी उत्पन्न करता है और इसके साथ ही फेफड़ों में जमा कफ को भी पिघलाने में सहायता करता है। इस प्रकार, यह सर्दी-जुकाम के उपचार में प्रभावी रूप से कार्य करता है।
ऐसे करें अदरक का सेवन
यदि आपको सिरदर्द की समस्या है, तो 15-20 ग्राम अदरक को अच्छी तरह से कुचलकर उसका रस निकालें और उसे पी लें। शेष अदरक को दर्द वाली जगह पर लगाएं, आधे घंटे में आपको राहत महसूस होने लगेगी। आप किचन में मौजूद सूखे अदरक के पाउडर को एक कप गुनगुने पानी में 5-7 ग्राम (एक चम्मच) मिलाकर भी पी सकते हैं। यह उपाय तब करें जब दर्द आपको असुविधा दे रहा हो। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।