द लांसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल के अनुसार : World Cancer Day 2025
द लांसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल की स्टडी में बताया गया है कि जो लोग धुम्रपान नहीं करते हैं उनमें भी फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। पहले फड़ों के कैंसर ( World Cancer Day 2025) का मुख्य कारण धूम्रपान को ही माना जाता था लेकिन अब ऐसा होने के बाद यह एक चिंता का विषय बन गया है। अब लोगों के मन में सवाल आ रहा है कि जब धुम्रपान ही नहीं कर रहे हैं तो फेफड़ों का कैंसर होने का कारण क्या है। लेकिन स्टडी में बताया गया है कि इसके पीछे का कारण वायु प्रदुषण है।
स्टडी का क्या है कहना : what does the study say
ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी’ डेटा का विश्लेषण जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी सहित अन्य संगठनों के शोधकर्ताओं ने राष्ट्रीय स्तर पर फेफड़ों के कैंसर के मामलों का अनुमान लगाने के लिए किया था। उनका मानना है कि एडेनोकार्सिनोमा जो पुरुषों और महिलाओं में प्रमुख रूप से पाया गया है। इस सर्वे में दुनिया भर में कभी धूम्रपान नहीं करने वालों में फेफड़े के कैंसर के 53-70 प्रतिशत मामले पाए गए। शोधकर्ताओं ने लिखा, ‘‘विश्व भर के कई देशों में धूम्रपान का प्रचलन कम होता जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी कभी धूम्रपान नहीं करने वाले लोगों में फेफड़े के कैंसर का अनुपात बढ़ रहा है। क्या है फेफड़ों के कैंसर के लक्षण : What are the symptoms of lung cancer
- फेफड़ों में बार-बार संक्रमण होना
- लंबे समय तक खांसी बनी रहना
- भूख में कमी और वजन घटना
- सांस की नली में बार-बार सूजन होना
- सांस लेने में कठिनाई
- आवाज में परिवर्तन
- वजन में कमी
- थकान महसूस करना आदि लक्षण शामिल है।
फेफड़ों के कैंसर से बचने के उपाय : Ways to avoid lung cancer
- एक्यूआई चेक करें
- एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें
- मास्क पहनें
- अच्छा खाना खाएं
- वार्षिक जांच कराएं
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।