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High Blood Pressure : क्या आप भी ले रहे हैं हाई BP की दवा? जानिए छुपे हुए साइड इफेक्ट्स

Blood Pressure Drugs Surprise Findings : दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें दिल की बीमारियों से होती हैं। High blood pressure जिसे आम तौर पर उच्च रक्तचाप कहते हैं, दुनिया भर में 1 अरब से ज़्यादा लोगों को है। इनमें से ज्यादातर गरीब और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं।

भारतApr 19, 2025 / 02:02 pm

Manoj Kumar

High Blood Pressure Medicines Side Effects

High Blood Pressure Medicines Side Effects

High Blood Pressure Medicines Side Effects : दुनियाभर में हृदय रोग सबसे बड़ी मौत की वजह बने हुए हैं। खासकर हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) यानी हाइपरटेंशन जो अब 1 अरब से ज्यादा लोगों को प्रभावित कर रहा है और सबसे ज्यादा इसका बोझ निम्न और मध्यम आय वाले देशों पर है।

High Blood Pressure : हाइपरटेंशन के इलाज के लिए आमतौर पर दो तरह की दवाएं दी जाती हैं:

  1. ACE inhibitors (ACEIs) – जैसे एनालाप्रिल, लिसिनोप्रिल
  2. Angiotensin Receptor Blockers (ARBs) – जैसे लॉसार्टन, टेल्मीसार्टन
हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए कुछ दवाएं आती हैं, जिनमें दो मुख्य तरह की दवाएं हैं: ACE इनहिबिटर (जैसे एनालाप्रिल, लिसिनोप्रिल) और एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स या ARBs (जैसे लॉसार्टन, टेल्मीसार्टन)।
ACE इनहिबिटर लेने पर कुछ लोगों को सूखी खांसी, चक्कर आना या सिरदर्द जैसी परेशानियां हो सकती हैं।

ARBs को आमतौर पर ACE इनहिबिटर से ज़्यादा आसानी से शरीर झेल लेता है, लेकिन कभी-कभी इनसे भी चक्कर आना और सिरदर्द हो सकता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि ये दोनों ही तरह की दवाएं आपके खून में पोटेशियम की मात्रा बढ़ा सकती हैं और गुर्दे में भी कुछ दिक्कतें कर सकती हैं।
अगर कोई महिला गर्भवती है या बच्चे को दूध पिला रही है, तो उसे ये दवाएं नहीं लेनी चाहिए।

डा. पंकज जैन प्रोफेसर ( मेडिसिन विभाग) मेडिकल कॉलेज, कोटा

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ये दवाएं शरीर के रेनिन-एंजियोटेंसिन सिस्टम (RAS) पर असर डालती हैं, जो ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है। लेकिन इसके बावजूद भी बड़ी संख्या में मरीजों का ब्लड प्रेशर कंट्रोल में नहीं रहता। ऐसे में सस्ते और असरदार विकल्पों की ज़रूरत महसूस की जा रही है।
इसी दिशा में अमेरिका की पेन यूनिवर्सिटी की एक टीम ने हाल ही में Hypertension Research जर्नल में एक दिलचस्प अध्ययन प्रकाशित किया है। इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने ACE2 नामक एंजाइम की भूमिका को ACEIs और ARBs के साथ मिलाकर परखा है। यह एंजाइम पहले इंजेक्टेबल फॉर्म में मेटाबोलिक बीमारियों में फायदेमंद साबित हो चुका है।
रिसर्च के सह-लेखक प्रोफेसर हेनरी डैनियल बताते हैं, “ACE2 भी हाइपरटेंशन और हृदय रोगों को नियंत्रित करने में मदद करता है, लेकिन अब तक किसी ने यह नहीं देखा था कि जो दवाएं हम आमतौर पर देते हैं, वे इस एंजाइम पर क्या असर डालती हैं।”
इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने ACE2 नाम की एक चीज को एक अलग तरीके से कुत्तों को खिलाया—उन्होंने इसे सलाद के पत्तों में लपेटकर दिया। और ये कुत्ते पहले से ही ACEIs या ARBs नाम की दवाएं ले रहे थे।
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लेकिन नतीजे चौंकाने वाले थे।

डैनियल बताते हैं, हमें पहली हैरानी तब हुई जब पता चला कि ACE inhibitors, जिनका उपयोग मरीजों के इलाज में नियमित तौर पर होता है, वास्तव में उस ACE2 एंजाइम की क्रिया को रोक देते हैं जो हम दे रहे थे।”
दूसरी चौंकाने वाली बात यह थी कि ARBs दवाएं अंगियोटेंसिन II के स्तर को बढ़ा देती हैं और यह वही तत्व है जो ब्लड प्रेशर बढ़ाने में भूमिका निभाता है।
इसका मतलब हुआ कि जब हम ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) को कम करना चाहते हैं, तो हमें दो बातें बिल्कुल नहीं करनी चाहिए:

  1. ACE2 को inhibit नहीं करना चाहिए
  2. Angiotensin II को बढ़ावा नहीं देना चाहिए
और इसी स्टडी में देखा गया कि यही दोनों चीजें हो रही थीं।
हालांकि एक अच्छी खबर यह भी थी कि सभी ACEI दवाएं ACE2 को बराबर नुकसान नहीं पहुंचातीं। उदाहरण के लिए, लिसिनोप्रिल — जो अमेरिका में बहुत प्रचलित है — ACE2 की क्रिया को बहुत कम प्रभावित करता है।
इस रिसर्च से यह साफ हो गया कि ACE2 का शरीर में बहुत अहम रोल है — न सिर्फ हाइपरटेंशन में, बल्कि कोविड-19 जैसी बीमारियों में भी। कोविड वायरस (SARS-CoV-2) भी ACE2 को टारगेट करता है, जिससे यह एंजाइम चर्चा में आया था।
डैनियल अब इस अध्ययन को आगे बढ़ाकर लिसिनोप्रिल लेने वाले कुत्तों पर दोबारा प्रयोग करना चाहते हैं ताकि देखा जा सके कि यदि ACE2 की क्रिया बनी रहे, तो उसके वास्तविक लाभ क्या हो सकते हैं।
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उन्होंने यह भी बताया कि उनके पौधों में बनाए गए एंजाइम के ओरल फॉर्म को हाल ही में FDA (अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) ने इंसानों पर ट्रायल के लिए मंजूरी दे दी है। यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इससे पहले कोई भी जैविक दवा इस तरह से विकसित नहीं हुई थी।
डैनियल का सपना है कि वो हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) और डायबिटीज जैसी आम बीमारियों के लिए दवाओं को सस्ता और अधिक सुलभ बना सकें। वो कहते हैं, “जहां एक इंजेक्टेबल बायोलॉजिक दवा को लॉन्च करने में $2.5 बिलियन का खर्च आता है, वहीं हम इसे पौधों के जरिए बेहद कम लागत पर बना सकते हैं।”

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