क्या है फाइबर? : What is fiber?
फाइबर एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट होता है जिसे हमारे शरीर द्वारा पचाया नहीं जा सकता। यह पाचन तंत्र के माध्यम से बिना पचने के शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन इसके चलते आंतों में कई लाभकारी प्रभाव होते हैं। फाइबर दो प्रकार का होता है: घुलनशील फाइबर (Soluble Fiber): यह पानी में घुलकर जेल की तरह बनता है और आंतों से कोलेस्ट्रॉल और ग्लूकोज को अवशोषित करने में मदद करता है। अपघुलनशील फाइबर (Insoluble Fiber): यह आंतों में पानी को अवशोषित करता है और मल को नरम बना कर उसकी गति को तेज करता है, जिससे कब्ज की समस्या नहीं होती।
फाइबर और आंतों का स्वास्थ्य
आंतों का स्वास्थ्य जितना अच्छा होगा, उतना ही बेहतर हमारा पाचन तंत्र काम करेगा। फाइबर का सेवन पाचन क्रिया को सुचारू बनाए रखने में मदद करता है। यह मल को नरम करता है और आंतों में अवशेषों को जमा होने से रोकता है, जिससे कब्ज और अन्य पाचन संबंधित समस्याओं से बचाव होता है।
फाइबर के नियमित सेवन से आंतों में लाभकारी बैक्टीरिया का विकास होता है, जो हानिकारक सूक्ष्मजीवों से मुकाबला करते हैं। ये अच्छे बैक्टीरिया हमारी आंतों की दीवार को मजबूत बनाए रखते हैं और शरीर के अंदर घुसने वाले संक्रमणों से बचाव करते हैं।
फाइबर से बचाव में कैसे मदद मिलती है? : Importance of Fiber
फाइबर आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ-साथ कई खतरनाक संक्रमणों से बचाव में भी मदद करता है: आंतों में बैक्टीरिया का संतुलन बनाए रखना: फाइबर अच्छे बैक्टीरिया के लिए खाद्य स्रोत के रूप में कार्य करता है, जिससे उनकी संख्या बढ़ती है और शरीर को संक्रमणों से बचाव होता है। आंतों के रोगों से बचाव: फाइबर का सेवन आंतों की सूजन, आईबीडी (Inflammatory Bowel Disease), और कोलन कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव करता है। सूजन को कम करना: घुलनशील फाइबर सूजन को कम करने में मदद करता है, जो कई खतरनाक संक्रमणों और बीमारियों का कारण बन सकती है।
कोलेस्ट्रॉल और शुगर स्तर को नियंत्रित करना: फाइबर के सेवन से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है, जो हृदय रोग और अन्य गंभीर संक्रमणों से बचाता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।