कोलन कैंसर की चपेट में अभिनेता विभु राघव
टीवी अभिनेता विभु राघव इस समय कैंसर के चौथे स्टेज से जूझ रहे हैं। विभु ने ‘निशा और उसके कजिन्स’, जिसमें अनेरी वजानी और मिश्कत वर्मा भी थे, में अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता था। पिछले तीन साल से वह कोलन के स्टेज 4 न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर से लड़ रहे हैं।उनका इलाज टाटा मेमोरियल अस्पताल में चल रहा है। इसके साथ ही, करणवीर मेहरा, जो ‘बिग बॉस 18’ के विजेता रहे हैं, विभु के इलाज के लिए फंड रेजिंग कैंपेन चला रहे हैं।विभु राघव एक टैलेंटेड और चर्चित टीवी अभिनेता
विभु राघव एक टैलेंटेड और चर्चित टीवी अभिनेता हैं, जिन्हें खासतौर पर टेलीविजन शो ‘निशा और उसके कजन्स’ में उनके दमदार अभिनय के लिए जाना जाता है। करियर में और भी कई शो शामिल हैं, जैसे ‘सुव्रीन गुग्गल – टॉपर्स ऑफ द ईयर’, ‘पिचवर्क’ और ‘रिदम’ में भी उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया।कोलन कैंसर क्या है (What is colon cancer)
कोलन कैंसर, जिसे बड़ी आंत का कैंसर भी कहा जाता है, पाचन तंत्र की बड़ी आंत में होता है। यह आमतौर पर तब होता है जब आंत की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और एक ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। शुरुआत में यह कैंसर धीरे-धीरे विकसित होता है, लेकिन अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह अन्य हिस्सों में फैल सकता है। कोलन कैंसर अधिकतर 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों में देखा जाता है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है।कोलन कैंसर के बचाव के उपाय (Colon cancer prevention measures)
बैलेंस्ड फूडअधिक फाइबर और कम वसा वाले आहार कोलन कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। साबुत अनाज, फल और सब्जियां खाने से आंत स्वस्थ रहती है।
नियमित व्यायाम से शरीर स्वस्थ रहता है और वजन नियंत्रित रहता है, जो कोलन कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करता है। वजन नियंत्रण
अधिक वजन या मोटापा कोलन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है, इसलिए स्वस्थ वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
45 वर्ष की उम्र के बाद नियमित रूप से कोलन कैंसर की जांच कराना चाहिए, खासकर अगर परिवार में कैंसर का इतिहास हो। धूम्रपान और शराब से बचाव
तंबाकू और शराब के सेवन से कोलन कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है, इसलिए इनसे बचना चाहिए।
कोलन कैंसर का इलाज (Colon cancer treatment)
सर्जरीसर्जरी कोलन कैंसर का मुख्य इलाज है, जिसमें कैंसर से प्रभावित आंत (Affected Intestine)के हिस्से को हटा दिया जाता है। अगर कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल चुका हो, तो उन प्रभावित अंगों को भी हटा दिया जा सकता है।
कीमोथेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है। यह सर्जरी के बाद दी जाती है ताकि कैंसर वापस न आए और शरीर में बची हुई कैंसर कोशिकाओं को भी नष्ट किया जा सके।
रेडियोथेरेपी में हाई रेडिएशन का इस्तेमाल करके कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है। यह इलाज ट्यूमर को छोटा करने और सर्जरी के बाद कैंसर को हटाने में मदद करने के लिए किया जाता है।