कालू का दुखद अंत, मोहल्ले का टूटा दिल
इंदौर के स्कीम नंबर 78 में रहने वाला स्ट्रीट डॉग ‘कालू’ इलाके के हर दुकानदार का चहेता था। अप्रैल में हुए एक्सीडेंट के बाद उसे आईसीयू तक में भर्ती कराया गया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद 23 अप्रैल को वह दुनिया छोड़ गया। मोहल्ले के लोगों का मानना है कि कालू सिर्फ कुत्ता नहीं, परिवार का हिस्सा था। तेरहवीं में मुंडन तक, मृत्यु भोज में पहुंचे दर्जनों कुत्ते
कालू की मौत के बाद रिवाज़ों की मिसाल पेश की गई। तेरहवीं का आयोजन पूरी श्रद्धा से हुआ, एक रहवासी ने मुंडन तक करवा लिया। मोहल्ले में शोक सभा हुई और शहर भर में कालू के श्रद्धांजलि पोस्टर लगाए गए। कालू का पसंदीदा खाना- जलेबी, दूध, रोटी, पेडिग्री और पनीर तेरहवीं में खास तौर पर बनाया गया और गली के पालतू और स्ट्रीट डॉग्स को मृत्यु भोज कराया गया। यह नजारा देखने वालों की आंखें भर आईं। स्थानीय लोगों ने कहा, ‘वो हर सुबह दुकान पर बैठता था, हर आते-जाते को पहचानता था। वो गया जरूर है, लेकिन उसकी यादें हर कोने में जिंदा हैं। ये तेरहवीं नहीं, हमारे प्यार की सच्ची श्रद्धांजलि है।’