आमतौर पर प्रदेश भाजपा का संगठन प्रयास करता है कि, इंदौर जैसे महत्वपूर्ण जिले में गुटीय संतुलन बना रहे। इसके चलते ग्रामीण व नगर अध्यक्ष अलग-अलग खेमे को दिया जाता रहा है, लेकिन इस बार मंत्री कैलाश विजयवर्गीय दोनों हाथ में लड्डू रखना चाहते हैं। रायशुमारी में टीनू जैन, आकाश विजयवर्गीय व सुमित मिश्रा का नाम रखा था, जिसमें जैन के नाम पर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का भी समर्थन था।
यह भी पढ़ें- भाजपा के पूर्व विधायक के घर इनकम टैक्स का छापा मारने पहुंची टीम, मिल गए मगरमच्छ, वन विभाग ने किए रेस्क्यू सिलावट, उषा ठाकुर और पटेल ने अंतर दयाल का नाम दिया
इधर, रायशुमारी में मंत्री तुलसीराम सिलावट, विधायक उषा ठाकुर व मनोज पटेल और उनकी टीम ने एक तरफा अंतर दयाल का नाम दिया, लेकिन विजयवर्गीय अपने समर्थक चिंटू वर्मा को बनाने के लिए अड़ गए। दूसरी तरफ विधायक रमेश मेंदोला के माध्यम से सुमित मिश्रा के नाम को आगे कर दिया, जिन्हें विधायक मनोज पटेल व महेंद्र हार्डिया का भी समर्थन है। इस खेल में दोनों अध्यक्ष उनके खेमे के हो रहे हैं।
विरोधी खेमा हुआ अलर्ट
घटनाक्रम की जानकारी लगने के बाद विरोधी खेमा सक्रिय हो गया है। उसने एमआइसी सदस्य जीतू यादव के घटनाक्रम को मुद्दा बना दिया है। कहना है कि मंत्री विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला व गोलू शुक्ला, महापौर पुष्यमित्र भार्गव का गुट हो गया है, जिसके समर्थक ऐसा कांड कर रहे हैं। अब अध्यक्ष भी बन जाएगा तो इंदौर का क्या होगा? दो नंबरी गुट निरंकुश हो जाएगा, यह बात पूरी ताकत से दिल्ली तक पहुंचाई गई। यह भी पढ़ें- एमपी में तीन जिले तोड़कर इंदौर बनेगा मेट्रोपॉलिटन रीजन, विभागों से डाटा कलेक्शन शुरु मेंदोला नहीं करते टीनू को पसंद
सूत्रों के मुताबिक, विधायक मेंदोला ने विजयवर्गीय के कहने पर दो नंबर भाजपा से रायशुमारी में टीनू जैन का नाम जरूर तीसरे नंबर पर दिलाया, लेकिन वे पसंद नहीं करते हैं। मेंदोला चाहते हैं कि उनके कट्टर समर्थक सुमित मिश्रा को मौका दिया जाना चाहिए।