25 गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण
48 किलोमीटर लंबे इस नये फोरलेन रोड का निर्माण 1370 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। खास बात ये है कि ये सड़क इंदौर और उज्जैन के कुल 25 गांवों से होकर गुजरेगी और इंदौर के 19 और उज्जैन के 6 गांवों की जमीन इसके लिए अधिग्रहीत की जाएगी। इन 25 गांवों से 225 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। उज्जैन में सिंहस्थ बायपास से लेकर इंदौर के हातोद क्षेत्र में स्थित पितृ पर्वत के पास तक इस नई सड़क का निर्माण किया जाएगा।
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नए फोरलेन के लिए हो रहा सर्वे
अभी इस प्रोजेक्ट पर सर्वे का काम चल रहा है। पानी के स्त्रोत, पेड़ और निर्माण आदि का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत प्रोजेक्ट के लिए सरकार जमीन का पता लगाती है। इसके बाद धारा 19 के तहत खसरा नंबर और दस्तावेज लोगों को दिखाए जाते हैं और जमीन लेने की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाती है। इस प्रोजेक्ट की डीपीआर बारिश के मौसम में तैयार की जाएगी। अगस्त तक लोगों से सुझाव और आपत्तियां ली जाएंगी। सरकार मॉनसून के दौरान ही टेंडर प्रक्रिया भी पूरी करने की योजना बना रही है।