ये भी पढें – Rain Alert : 12, 13 और 14 फरवरी को एमपी में होगी बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट इंदौर(Property Guideline) में जमीनों की कीमत आसमान छू रही है। गाइडलाइन से कई गुना अधिक कीमतों पर संपत्ति की खरीद-बेच हो रही है। अब तक बैंक से लोन की बारी आती है तो पोल खुल जाती है। खरीदार को असल कीमत पर रजिस्ट्री करानी पड़ रही है, जिससे एआइ की मदद से बढ़ी हुई कीमत पर होने वाली रजिस्ट्री का डाटा निकला जा रहा है। इंदौर में प्लॉट एरिया में 1050 तो खेती की जमीन पर 1266 फीसदी की वृद्धि तक बताई जा रही है।
शहर की नई कॉलोनियां बनीं लोकेशन
कई कॉलोनाइजरों ने नई टाउनशिप तैयार की हैं, जिसका काम लगभग पूरा होने को है। उसकी रजिस्ट्री भी होना है, जिसे लेकर कॉलोनाइजरों ने नई लोकेशन में जोड़ने का आग्रह किया है। इन सभी का आंकड़ा 150 के पार जा रहा है। नई गाइडलाइन में दर बढ़ाने का प्रस्ताव सबसे ज्यादा उज्जैन रोड, राऊ रोड के अलावा शहर के इर्द-गिर्द आने वाले महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के आसपास रखा जा रहा है। शहर के कई पुराने इलाके हैं जहां खरीदी-बिक्री बहुत कम हुई, पर कीमतों में बड़ा अंतर आ गया है। आइडीए के नए प्रोजेक्ट और पश्चिम व पूर्वी नए रिंग रोड के आसपास भी अच्छी खरीदी-बिक्री हो रही है। ये भी पढें – चिकन-अंडा खाने वाले हो जाएं सावधान, फैल रहा है बर्ड फ्लू कई लोकेशन पर वर्षों से नहीं बढ़ी गाइडलाइन
इंदौर रजिस्ट्रार(Indore Property Guideline) के पास 5100 के करीब लोकेशन हैं जहां की रजिस्ट्री की दर निर्धारित है। इसमें से तीन हजार की रिपोर्ट तक एआइ ने निकाल कर दे दी है तो करीब एक हजार ऐसी लोकेशन हैं जहां खरीद-बेच तो इक्का-दुक्का हुई है, लेकिन वर्षों से गाइडलाइन की कीमत नहीं बढ़ी है। ऐसे स्थानों पर भी बढ़ोतरी की जा रही है जो कि शहर का मध्य इलाका भी है। देखा जाए तो 2025-26 में 80 फीसदी लोकेशन पर गाइड लाइन बढ़ेगी। इसमें 10 से लेकर 250 फीसदी तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा जाएगा। देखा जाए तो 25% औसत वृद्धि होगी।
नई गाइडलाइन को लेकर विभाग ने डाटा दिया है। इस पर मंथन कर नया प्रस्ताव बनाएंगे। इस पर काम चल रहा है। कुछ दिनों में प्रस्ताव जिला मूल्यांकन समिति को रखा जाएगा। -दीपक कुमार शर्मा, वरिष्ठ जिला पंजीयक
469 का दिया था प्रस्ताव
गाइडलाइन(Indore Property Guideline) 2024-25 के छह माह बीतने के बाद जब एआइ ने एक रिपोर्ट सौंपी तो विभाग ने नई गाइड लाइन पेश करने के निर्देश दिए। उसके आधार पर जिला मूल्यांकन समिति के बाद केंद्रीय मूल्यांकन प्रस्ताव पास किया, लेकिन सरकार से हरी झंडी नहीं मिली।