Cultural street : भंवरताल गार्डन के बाजू से लगी कल्चरल स्ट्रीट बनाई तो कलाकारों व शहर के कलाप्रेमियों के आयोजनों के लिए गई थी। लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते ये अराजकता का शिकार हो गई है। आयोजन तो साल में एकाध बार ही होते हैं, बाकी पूरे साल यहां वाहनों की पार्किंग, नशेडिय़ों व आवारागर्दी करने वालों का मीटिंग प्वाइंट बनी रहती है। इसी का फायदा उठाते हुए आसपास के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों ने अपनी अघोषित वाहन पार्किंग बना ली है। जिससे कल्चरल स्ट्रीट पार्किंग स्ट्रीट बन गई है।
Cultural street : बेरिकेट हटा दिए, गार्ड करा रहे पार्किंग
कल्चरल स्ट्रीट पर पहले एक दो वाहन ही बमुश्किल प्रवेश कर पाते थे। दोनों छोर पर बेरिकेटिंग की गई थी, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों की अनदेखी के चलते संग्रहालय छोर का बेरिकेट पूरी तरह से खोल दिया गया है। जिससे यहां आसपास के अस्पताल, होटल व अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में आने वाले लोगों की कारें पार्क कराई जा रही हैं। इसके लिए बकायदा उनके सिक्योरिटी गार्ड व पार्किंग वर्कर उन्हें जगह बताने के लिए भी आते हैं।
Cultural street : बोले हमें साहब का आदेश
एक गार्ड जब कार पार्क करा रहा था, तो उससे पूछा कि यहां तो वाहन खड़ा करना मना है। फिर कैसे तुम अपने यहां आए ग्राहक की कार पार्क करा रहे हो। उसने जवाब देते हुए कहा कि हमें तो साहब का आदेश मिला है, बाकी हम कुछ नहीं जानते हैं। रोज ही एक हिस्से में हमारे यहां आने वालों की कारें खड़ी कराई जाती हैं। बाकी में अलग-अलग प्रतिष्ठानों के लोग वाहन खड़ा करा रहे हैं।
Cultural street : कुत्तों को लाते हैं घुमाने
कार पार्किंग के अलावा कल्चरल स्ट्रीट कुत्तों को घुमाने की जगह भी बन गई है। प्रतिदिन सुबह-शाम आसपास के लोग अपने घरों के कुत्तों को न केवल घुमाने ला रहे हैं बल्कि उनकी गंदगी भी पूरे कल्चरल स्ट्रीट को गंदा कर रही है। विरोध करने पर डॉग लवर्स लडऩे तक लगते हैं।