hit and run case : नए साल में रफ्तार और अराजक व्यवस्था का कहर सडक़ पर पैदल चलने वालों पर टूट रहा है। शुक्रवार को डॉक्टर की बेकाबू कार ने विजयनगर के अतिव्यस्त इलाके में आधा दर्जन राहगीरों को कुचल दिया। इनमें दो की मौत हो गई। डिवाइडर से टकराने के बाद जब कार रुकी तो भीड़ ने डॉक्टर को घेर लिया। तो उसने खुद को हार्ट पेशेंट बताते हुए खुद का बचाव कर लिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। ऐसा ही कहर कार सवारों ने गुरुवार को गोराबाजार में ढाया था, जिसमें एक वृद्धा की जान चली गई थी।
पुलिस के अनुसार होम्योपैथी डॉक्टर संजय पटेल लग्जरी कार नम्बर एमपी 20 जेडई लेकर शहर की ओर निकले। विजयनगर के एसबीआइ चौक पर तेज रफ्तार बेकाबू हो गई और आगे चल रही कार से टकरा गई। जब तक लोग कुछ समझ पाते लहराते हुए कार किनारे पहुंची और राहगीरों को कुचलने लगी। कार की टक्कर से लोग कई फीट दूर जा गिरे। हादसे में छह लोगों को गंभीर चोट आई। इसके बाद कार तभी रुकी जब वह डिवाइटर पर टकराकर बंद हो गई।
hit and run case : सडक़ पर मची अफरा-तफरी
इस अप्रत्याशित घटना से सडक़ पर अफरा-तफरी का आलम बन गया। घायल यहां-वहां कराहते हुए पड़े थे। लोगों में भगदड़ मच गई। सडक़ पर जाम लग गया। सूचना पर विजय नगर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल भिजवाया। घटना में कार भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने कार जब्त कर चालक डॉ संजय पटेल को गिरफ्तार कर लिया।
hit and run case : ये आए चपेट में
बेकाबू कार की चपेट में सडक़ पर पैदल चल रहीं दीपा शुक्ला, रविंशकर दुबे, मुन्नी बाई, आनंद सिंह, मोहित शर्मा और वैशाली नामदेव आए। सभी को गंभीर चोटें होने के कारण निजी अस्पताल भेजा गया। इनमें मुन्नीबाई और रविशंकर की उपचार के दौरान मौत हो गई। दो अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है।
hit and run case : डॉक्टर बोले- आंख बंद हो गई थी
भीड़ से घिरने और पुलिस के आने पर कार से बाहर आए डॉ संजय पटेल ने खुद को हार्ट पेशेंट बताते हुए कहा कि यह सब कैसे हुआ उन्हें पता। आंख बंद हो गई थी। पुलिस घटना की वजह का पता लगा रही है। वहीं, लोगों में घटना को लेकर आक्रोश है।
hit and run case : उखरी चौक में भी हुई थी घटना
उखरी में भी पिछले साल पांच नवम्बर को ऐसी ही घटना हुई थी। जिसमें अग्रवाल दंपती के तीन वर्षीय मासूम बेटे प्रणीत उर्फ यश की मौत हो गई थी। यह हादसा लग्जरी एसयूवी से हुआ था। उसे रेलकर्मी एकता चौक विजय नगर निवासी विजयंत गंगेले चला रहा था।
hit and run case : गोराबाजार हादसे का सच छिपा रही पुलिस
उधर, शहर के गोराबाजार थाना क्षेत्र में गुरुवार को हुई घटना को लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। इस गंभीर घटना के सच को पुलिस शुक्रवार दोपहर तक छिपाती रही। दरअसल, भारत सरकार लिखी जिस कार ने आधा दर्जन लोगों को रौंदा था, उसके चालक और दूसरे सवार को भीड़ ने तत्काल ही पकड़ लिया था और पुलिस के हवाले कर दिया था। लेकिन पुलिस आरोपियों को फरार बताती रही। बाद में दबाव बढऩे पर शुक्रवार को कार चालक शुभम घुमरे और शुभम वर्षे निवासी खमरिया को आरोपी बताते हुए कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।
hit and run case : कार के खुल गए थे एयरबैग
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसे के बाद कार के एयरबैग खुल गए। इस कारण आरोपी भाग नहीं पाए। तब तक भीड़ ने कार को घेर लिया। कार चालक घाना खमरिया निवासी शुभम घुमरे और कार सवार शुभम वर्षे को उतारा और उनकी जमकर पिटाई भी की थी। लेकिन पुलिस ने गिरफ्तारी को दबाए रखा, उल्टा फरार बता दिया। कार चालक शुभम घुमरे ने पुलिस को बताया कि कार खमरिया घाना निवासी मोहन अन्ना की है। हादसे के 36 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस वाहन चालक को तलब नहीं कर सकी। अब तक वाहन के दस्तावेज भी पुलिस के हाथ नहीं आए हैं। वाहन में भारत सरकार भी लिखा है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वाहन किसी सरकारी विभाग में अटैच है। ऐसे संवेदनशील मामले में पुलिस की लापरवाही सवाल खड़े कर रही है।
Hindi News / Jabalpur / hit and run case : डॉक्टर की बेकाबू कार ने छह को कुचला, दो की मौत