मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सपाक्स संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। सपाक्स ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट में मामला पेेंडिंग होने की बात कहकर सरकार द्वारा नए नियमों के तहत प्रमोशन में आरक्षण का विरोध किया है।
बेंच ने सरकार को एक सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए
एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की। सपाक्स संघ की ओर से अधिवक्ता सुयश मोहन गुरु ने कोर्ट में कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए फिलहाल राज्य सरकार नए नियमों के तहत प्रमोशन में आरक्षण नहीं दे सकती। इस पर बेंच ने सरकार को एक सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए। बता दें कि राज्य में सन 2016 से यानि पूरे 9 साल से पदोन्नतियां रुकी हैं। आरक्षण में प्रमोशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले के कारण एमपी में प्रमोशन नहीं किए जा रहे थे। इस दौरान एक लाख कर्मचारी बगैर पदोन्नति के रिटायर भी हो चुके हैं। पिछले माह ही नई प्रमोशन नीति लागू की गई है जिसमें सरकार ने आरक्षण का प्रावधान किया। इसका सपाक्स यह कहकर विरोध कर रहा है नई नीति संविधान विरोधी है।