MP High Court : मप्र हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त अरविंद कुमार शुक्ला के विरुद्ध एकलपीठ द्वारा पारित 40 हजार जुर्माने वाला आदेश अनुचित पाकर निरस्त कर दिया। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की खण्डपीठ ने अपने आदेश में साफ किया कि अपीलकर्ता पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त का आदेश सद्भावनापूर्वक व अधिकारिक कर्तव्यों के वास्तविक निर्वहन में था। अपीलकर्ता को नोटिस भी जारी नहीं किया गया था। लिहाजा, उसके विरुद्ध पारित आदेश निरस्त किया जाता है।
MP High Court ने कहा- कर्त्तव्यों के वास्तविक निर्वहन से संबंधित था पूर्व सूचना आयुक्त का आदेश
अपीलकर्ता मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त अरविंद कुमार शुक्ला की ओर से पक्ष रखा गया। दलील दी गई कि पांच मार्च, 2025 को हाई कोर्ट की एकलपीठ द्वारा तल्ख टिप्पणी के साथ लगाया गया 40 हजार का जुर्माना सर्वथा अनुचित है। लिहाजा, वह आदेश निरस्त किया जाए।दरअसल भोपाल निवासी नीरज निगम की ओर से हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी।
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MP High Court : तीस दिन के अंदर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई
जिसमें कहा गया था कि उन्होंने 26 मार्च, 2019 को सूचना के अधिकार के तहत आवेदन प्रस्तुत किया था, लेकिन 30 दिनों में उन्हें जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। इतना ही नहीं सूचना अधिकारी ने 30 दिन बाद आवेदक को पत्र भेजकर दो लाख 12 हजार 334 रुपये की राशि जमा कर जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दिए। जिसके विरुद्ध याचिकाकर्ता ने प्रथम अपील पेश की और दावा कि उन्हें तीस दिन के अंदर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। लिहाजा, नियमानुसार उक्त जानकारी निश्शुल्क मुहैया कराई जाए। वह अपील निरस्त कर दी गई। जिसके बाद आवेदक ने द्वितीय अपील सूचना आयुक्त के समक्ष पेश की, जिसे भी निरस्त कर दिया गया। जिसके बाद हाई कोर्ट की शरण ली गई थी। हाई कोर्ट ने मामले में सूचना आयुक्त को प्रकरण में सुनवाई की।
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