याचिकाकर्ता प्रदीप कुमार पांडे माध्यमिक शिक्षक संस्कृत विषय के पद के लिए भर्ती प्रक्रिया में पात्रता नियमों में एकाएक किए गए बदलावों को जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीडी बंसल ने प्रदेश सरकार, प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, लोक शिक्षण संचालनालय और कर्मचारी चयन मंडल को नोटिस जारी कर जबाव तलब किया है।
स्कूल शिक्षा विभाग में तबादलों पर बड़ा अपडेट, लोक शिक्षण आयुक्त ने जारी किए संशोधित आदेश पात्रता में अचानक बदलाव करना अनुचित
याचिका में प्रदीप कुमार पांडे ने बताया कि 2023 में आयोजित माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) में सफलता प्राप्त करते हुए उन्होंने सभी जरूरी योग्यताएं भी पूरी की लेकिन 2024 में नया एग्जाम मैनुअल जारी किया गया। इसमें राज्य सरकार ने माध्यमिक शिक्षक पद (संस्कृत) के लिए पात्रता शर्तों में संशोधन कर दिया गया। इससे वे और उनके जैसे अन्य समान योग्यता वाले उम्मीदवार अचानक अपात्र हो गए। याचिकाकर्ता ने कहा कि पात्रता में अचानक बदलाव करना न केवल अनुचित है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 14 का भी स्पष्ट उल्लंघन है।
शिक्षकों के कुल 10,000 पदों पर नियुक्तियां की जानी हैं
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए स्पष्ट आदेश दिया है कि सभी नियुक्तियां याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगी। बता दें कि शिक्षकों के कुल 10,000 पदों पर नियुक्तियां की जानी हैं।