न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा ने उद्घाटन समारोह में कहा कि ई-हियरिंग से उपभोक्ता प्रकरणों की सुनवाई में तेजी आएगी और समस्याओं का त्वरित निराकरण संभव होगा। यह सुविधा बस्तर के सुदूर क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को भी उनके अधिकारों तक आसान पहुंच प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि सभी जिला आयोगों में पहले से उपलब्ध ई-फाइलिंग के साथ अब ई-हियरिंग की सुविधा उपभोक्ताओं के लिए न्याय प्रक्रिया को और सरल बनाएगी।
CG E-Hearing: तकनीकी नवाचार पर जोर
जिला उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष सुजाता जसवाल ने ई-हियरिंग की तकनीकी विशेषताओं को लेकर कहा कि यह सुविधा उपभोक्ताओं और अधिवक्ताओं के लिए समय और लागत की बचत करेगी। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली से सुदूर क्षेत्रों के लोग बिना आयोग के चक्कर लगाए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी शिकायतें दर्ज कर सकेंगे। उद्घाटन के दौरान एक प्रकरण की ई-हियरिंग भी की गई, जिसने इस सुविधा की प्रभावशीलता को प्रदर्शित किया। यह रहे मौजूद
उद्घाटन समारोह में वर्चुअल माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य आयोग के सदस्य प्रमोद वर्मा, रजिस्ट्रार श्रीनिवास तिवारी, ज्वाइंट रजिस्ट्रार मोना चौहान, लेखाधिकारी मधुलिका यादव, जिला उपभोक्ता आयोग
रायपुर के अध्यक्ष डाकेश्वर शर्मा, सदस्य निरुपमा प्रधान और अनिल अग्निहोत्री शामिल हुए। स्थानीय स्तर पर जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्य आलोक कुमार दुबे, सीमा गोलछा, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अरुण दास, सचिव लिखेश्वर जोशी, उपाध्यक्ष हेलेना गिरिधरन, खाद्य नियंत्रक घनश्याम सिंह राठौर, सहायक खाद्य नियंत्रक दिव्या रानी सहित कई अधिवक्ता और आयोग के कर्मचारी उपस्थित रहे।
बस्तर के लिए मील का पत्थर
CG E-Hearing: आयोग ने कहा कि ई-हियरिंग की शुरुआत बस्तर के उपभोक्ताओं के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल समय और संसाधनों की बचत करेगा, बल्कि सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी त्वरित और सुलभ न्याय प्रदान करेगा। यह पहल छत्तीसगढ़ में डिजिटल गवर्नेंस और उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ेगी।