इस कार्य के साथ ही वन भैसों के चिन्हित ठिकानों पर उनके चारा के लिए घास के मैदान व तालाब बनाए जा रहे हैं। वर्तमान में आठ तालाब और 900 एकड़ भूमि में चारागाह के लिए घास के मैदान बनाए जा चुके हैं।
CG News: तीन राज्यों की मदद से वन भैसों का हो रहा संरक्षण
बस्तर, सीसीएफ, आरसी दुग्गा: वन भैंसा की संरक्षण व संवर्धन के लिए तीन राज्य तेलंगाना, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सरकार लगी हुई है।
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान की सीमा इन तीनों राज्यों से लगे होने के कारण इनकी मॉनीटरिंग लगातार की जा रही है। इनकी गणना के लिए कार्यशाला द्वारा स्थानीय ग्रामीणों को ट्रेनिंग दी जा रहा है। इसके अलावा व्हाटसएप ग्रुप भी बनाया गया है ताकि जब भी फील्ड में वन भैंसा दिखे तो इनके फोटो लिया जा सके और इनकी जानकारी इकट्ठा किया जा सके।
वन्य जीवों के लिए अनुकूल वातावरण
बीजापुर का जंगल और वातावरण वन्य प्राणियों के लिए बेहद अनुकूल है। यही वजह है यहां विविध प्रजाति के वन्य जीव पाए जाते हैं। बस्तर में छत्तीसगढ़ का राजकीय वन पशु वन भैंसा की मौजदूगी इंद्रावती टाइगर रिजर्व में होना बहुत ही अहम माना जा रहा है। यहां कई बार झुंड में वन भैसों को देखा गया है जिनकी तस्वीरें टाइगर रिजर्व में लगाये गए ट्रैप कैमरे में कैद की गई है। बस्तर के सीसीएफ आरसी दुग्गा ने बताया कि इंद्रावती टाइगर रिजर्व में वन भैंसा के संरक्षण व संवर्धन के लिए लगातार कार्य जारी है।
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में वन भैसों की संख्या ज्यादा
CG News: कुछ महीने पूर्व इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में वन भैसों का झुंड देखे जाने के बाद यहां इनकी अच्छी खासी संख्या होने का अनुमान लगाया जा रहा है। उद्यान प्रबंधन द्वारा पिछले वर्ष से ही इनकी जियो मैपिंग के जरिए गणना व पहचान की जा रही थी। उद्यान प्रबंधन से मिले आंकड़ों के मुताबिक यहां पर मेल व फीमेल वन भैसों की संख्या 30 से अधिक है जो छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा है। इनकी तस्वीरें टाइगर के लिए लगाए गए टैप कैमरे में कैद हो रही है।