CG News: खनिज विभाग से अनुमति बगैर हो रहा ईंट निर्माण
खनिज विभाग ने अब वर्षों बाद इस अवैध कारोबार पर ध्यान दिया है और सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है। जगदलपुर ब्लॉक के बड़ेगारावंड, आड़ावाल और बस्तर ब्लॉक के भानपुरी से लेकर बालेंगा तक कई इलाकों में
ईंट भट्टों का संचालन जारी था, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा था, बल्कि खनिज विभाग को भी लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही थी। खुलेआम पंचायतों में खनिज विभाग से अनुमति बगैर ईंट निर्माण होता है।
शिकायतों के बाद विभाग की कार्रवाई तेज
शहर और ग्रामीण इलाकों से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद खनिज विभाग ने कार्रवाई तेज कर दी है। अधिकारियों ने जिले के विभिन्न इलाकों में दबिश देकर जांच शुरू कर दी है। पहले चरण में 35 ईंट भट्टा संचालकों की सूची तैयार कर नोटिस जारी किए गए हैं। गांव में अवैध रूप से लाल ईंट निर्माण किया जा रहा। ईंट भट्टों पर प्रशासन की सख्ती, निर्माण कार्यों में बदलाव
जिला प्रशासन ने सरकारी भवनों के निर्माण में लाल ईंट के उपयोग पर रोक लगा दी है, जिससे ईंट भट्टों पर बड़ा असर पड़ा है। माइनिंग इंस्पेक्टर के मुताबिक, नए नियमों के कारण जिले में करीब 30% ईंट भट्टे बंद हो चुके हैं। अब लोग लाल ईंट के साथ-साथ ब्रिक्स (फ्लाई ऐश ईंट) का भी उपयोग कर रहे हैं, जिससे परंपरागत लाल ईंटों की मांग घटी है।
खनिज अधिकारी का बयान
CG News: जिला खनिज अधिकारी शिखर चेरपा ने बताया कि अवैध ईंट भट्टों पर कार्रवाई जारी रहेगी। शिकायत या जानकारी मिलने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
इंस्पेक्टरों को नियमित पेट्रोलिंग के निर्देश दिए गए हैं और इस अभियान में स्थानीय सरपंचों एवं जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले साल खनिज विभाग ने अवैध ईंट भट्टों से करीब 40 लाख रुपये का जुर्माना वसूला था। हालांकि, कई कारोबारी राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें कोई राहत नहीं मिली है।
बढ़ती कीमतों से कारोबार पर असर
बाजार में भी इस बदलाव का असर दिख रहा है। कुछ महीने पहले तक प्रति हजार ईंट की कीमत 3,000-3,500 रुपए थी, जो अब बढ़कर 4,000-5,000 रुपए तक पहुंच गई है। ईंट भट्टा संचालकों का कहना है कि मजदूरी और ईंधन की लागत बढ़ने के कारण दामों में बढ़ोतरी की गई है।