CG Plot Fraud: जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं
जानकारी के मुताबिक करपावंड वन परिक्षेत्र में डिमरापाल नाले पर प्रस्तावित डैम निर्माण की परियोजना 2023-24 में कैंपा मद से नरवा विकास योजना के तहत स्वीकृत की गई थी। इस निर्माण के लिए करीब 30 लाख 52 हजार 574 की राशि बांध निर्माण के लिए मंजूर हुई थी।
लेकिन
ग्रामीणो का आरोप है कि बांध को निर्धारित स्थान के बजाय जंगल के कक्ष क्रमांक 1174 सतोषा चालन गुड़ा बीट में बनाया गया, जो कि किसान बुदरू पिता गढ़रू की जमीन पर है और बुदरू के पास जमीन का पट्टा भी है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह निर्माण कार्य न केवल नियमों के विरुद्ध है, बल्कि हरे-भरे वन क्षेत्र को भी नुकसान पहुंचाया गया है। मछली पालन करने का प्रलोभन: किसानों ने बताया कि निर्माण कार्य के दौरान ग्रामीणों को मछली पालन व अन्य लाभों का प्रलोभन दिया गया था।
करपावंड वन परिक्षेत्र का मामला
इसके बाद उनके जमीनों पर कार्य शुरू किया गया, लेकिन न मुआवजा मिला और न ही वादे पूरे हुए। बुदरू कश्यप ने बताया कि उसके खेत में जबरन तालाब बना दिया गया, रेंजर और डिप्टी रेंजर ने कहा था कि एक साल तक मछली पालन व सहायता देंगे, लेकिन कुछ नहीं मिला। ग्रामीणों द्वारा इस कार्य पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। ग्रामीणों द्वारा इस मामले पर
डीएफओ को लिखित शिकायत भी दी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। सुशासन तिहार के बीच घोटाले पर सवाल रहे हैं। राज्य सरकार इन दिनों मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सुशासन तिहार मना रही है, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही की बात कही जा रही है। लेकिन बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में हो रहे ऐसे घोटालों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।