CG Tourism: देश की रहस्यमयी गुफा, जहां पाई जाती है अंधी मछलियां, नए साल में सैलानियों की उमड़ती है भीड़
CG Tourism: पहाड़, गुफा, जंगल, वाटरफॉल के अलावा अनोखी अंधी मछलियां अगर देखना है तो एक बार जगदलपुर जरूर पहुंचे। अद्भुत और रहस्यों से भरे कई गुफा देखकर आप रोमांचित हो जाएंगे..
CG Tourism: आने वाले नए साल को खास बनाना चाहते हैं ठंड के इस मौसम में देश की रहस्यमयी गुफा के दीदार कर इसे यादगार बना सकते हैं। हम बात कर रहे हैं जगदलपुर की जहां आपको पहाड़, गुफा, जंगल, वाटरफॉल के अलावा अनोखी अंधी मछलियां देखने को मिलेगी। यकीनन नए साल के मौके पर बस्तर की वादियों में घूमने का अनुभव आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाएंगे।
हर साल सर्दियों के मौसम में प्रदेश ही नहीं विदेश से भी सैलानी बस्तर घूमने आते हैं। खासकर सैलानी कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित कोटमसर गुफा देखने से नहीं चुकते हैं। यहां गुफा पर्यटकों के बीच अब एक आकर्षण का केंद्र है। बता दें कि कोटमसर गुफा भारत की सबसे गहरी गुफा मानी जाती है जो 60 – 120 फिट गहरी है तथा इसकी लम्बाई 4500 फिट है। यह गुफा पूरी तरह रहस्यों से भरा हुआ है। यहां अंधी मछलियां पाई जाती है। साथ ही गुफा में आवाज गूंजती है, जो एक रहस्यमयी खोखली आवाज है। प्राकृतिक की ऐसी संरचनाएं देख पर्यटकों को इसे और भी दिलचस्प बनाती है।
कुटुमसर की गुफा जमीन से 55 फुट नीचे हैं। इनकी लंबाई 330 मीटर है। इस गुफा के भीतर कई पूर्ण विकसित कक्ष हैं जो 20 से 70 मीटर तक चौड़े हैं। विश्वप्रसिद्ध बस्तर की कुटुमसर गुफा कई रहस्यों को अभी भी अपने में समेटे हुए है जिनका द्वारा लगातार अध्ययन किया जा रहा है। एक अध्ययन से पता चला है कि करोड़ों वर्ष पूर्व प्रागैतिहासिक काल में बस्तर की कुटुमसर की गुफाओं में मनुष्य रहा करते थे। चूना पत्थर से बनी कुटुमसर की गुफाओं के आंतरिक और बाह्य रचना के अध्ययन के बाद शोधकर्ता कई निष्कर्षों पर पहुंचे हैं। उदाहरण के लिए चूना पत्थर के रिसाव, कार्बन डाईक्साइड और पानी की रासायनिक क्रिया से सतह से लेकर छत तक अद्भुत प्राकृतिक संरचनाएं गुफा के अंदर बन चुकी हैं।
गुफा में हैं अंधी मछलियां
पानी से घिरी हुई यह अंधेरी कुटुमसर गुफा, जहां अंधी मछलियां रहती है। यह गुफाएं बहुत पुरानी बनी है और अंधी मछलियों के लिए मशहूर है। जहां सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती जिसके कारण यहां आने वाला व्यक्ति पूरी तरह अंधा महसूस करता है। जिसके कारण यहां कि मछलियों की आखों पर एक पतली सी झिल्ली चढ़ चुकी है, जिससे वे पूरी तरह अंधी हो गई हैं।
गुफा से आती हैं रहस्यमयी आवाजें
कोटमसर गुफा में प्रवेश करते ही, पर्यटक इन प्राकृतिक चमत्कारों को देखकर दंग रह जाते हैं। इस गुफा में स्थित अंधे कुएं पर चोट करने से जो खोखली आवाज सुनाई देती है, वह यहां आने वालों को एक अनोखा अनुभव देती है। साथ ही, यहां पाई जाने वाली अंधी मछलियां और अन्य सरीसृप इस गुफा को और भी रहस्यमय बनाते हैं।
15 से अधिक गुफाएं हैं बस्तर में
मालूम हो कि कांकेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान भूमिगत लाइमस्टोन गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है यहां कुटुमसर गुफा ,कैलाश गुफा जैसे 15 से अधिक गुफाएं हैं जो राष्ट्रीय उद्यान की सुंदरता को बढ़ाती है। हालांकि अभी तक अन्य गुफाओं के नाम सामने नहीं आए हैं।
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