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जगदलपुर

नक्सलगढ़ में बदलाव की बयार, आज़ाद पहाड़ों के बीच उभरता बीजापुर का ‘नंबी’

Nambi tourism in CG: जगदलपुर जिले के भोपालपटनम में कभी इस इलाके में कदम रखने का मतलब था जान जोखिम में डालना। अब बारिश की हर बूंद यहां उम्मीद की तरह गिरती है।

जगदलपुरJun 16, 2025 / 07:32 am

Shradha Jaiswal

नक्सलगढ़ में बदलाव की बयार(photo-patrika)

नक्सलगढ़ में बदलाव की बयार(photo-patrika)

Nambi tourism in CG: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले के भोपालपटनम में कभी इस इलाके में कदम रखने का मतलब था जान जोखिम में डालना। लेकिन, अब बारिश की हर बूंद यहां उम्मीद की तरह गिरती है। पथरीली पहाड़ियों से फिसलती जलधाराएं 500 फीट नीचे गिरती हैं, तो सिर्फ पानी नहीं, बस्तर के बदलते भविष्य की आवाज़ भी सुनाई देती है। हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के सबसे ऊंचे जलप्रपात ‘नंबी’(Nambi tourism in CG) की, जो अब नक्सलियों के कब्जे से पूरी तरह मुक्त है।
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Nambi tourism in CG: नंबी जलप्रपात दूर से ही लोगों को करता है आकर्षित

करीब 20 साल बाद यह इलाका पहली बार आम नागरिकों व पर्यटकों के लिए खोला जा रहा है। कुछ समय पहले तक नंबी की पहाड़ियों पर या तो सिर्फ सन्नाटा पसरा रहता था या गोलियों की आवाज गूंजती थी। हाल में सुरक्षाबलों ने करेगुट्टा पहाड़ पर सबसे बड़ा ऑपरेशन चलाया। अब हालात अब बदल चुके हैं।
नंबी की चोटियां अब नेचर ट्रैकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग व रैपलिंग जैसे साहसिक पर्यटन के लिए तैयार हो रही हैं। मानसून की पहली फुहारों के साथ ही नंबी की हरियाली खिल उठी है। पर्यटक यहां आकर कह सकते हैं बस्तर बदल रहा है। प्रशासन नंबी के साथ ही लंकापल्ली जैसे जलप्रपातों को सुरक्षित बनाकर एडवेंचर टूरिज्म हब बनाने का प्रयास कर रहा है।

पर्यटन स्थल बदल देंगे पहचान

बीजापुर के कलेक्टर संबित मिश्रा ने कहा, ’नंबी और लंकापल्ली जलप्रपात के साथ ही जिले में ऐसे कई मनोरम पर्यटन स्थल हैं जिन्हें अब हम एक विस्तृत कार्ययोजना के साथ विकसित करने जा रहे हैं। पर्यटन केंद्र और यहां का सुरक्षित माहौल अब जिले की पहचान बदलेंगे।’

ऐसे बदलेगा नंबी का इलाका

सुरक्षा बलों की स्थायी तैनाती से इलाका अब सुरक्षित

पर्यटन सुविधा केंद्र की स्थापना की योजना

नाइट स्टे और कैंपिंग जोन का प्रस्ताव

स्थानीय युवाओं को गाइड और टूर ऑपरेटर बनाएंगे

छत्तीसगढ़ में बनेंगे स्पेशल टूरिज्म जोन

ऐसे स्थल जो सिर्फ नक्सलवाद की वजह से पर्यटकों से दूर थे अब उन्हें स्पेशल टूरिज्म जोन के रूप में डवलप करने की तैयारी चल रही है। इंद्रावती नदी से सटे भद्रकाली, मट्टीमरका, नेलसनार और तारलागुड़ा जैसे इलाके भी अब नेचर टूरिज्म से जुड़ने जा रहे हैं। बीजापुर जिले के मनोरम पर्यटन केंद्र अब बदलते बस्तर की कहानी बताने के लिए तैयार हो रहे हैं।

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