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जयपुर

जल जीवन मिशन में 55 करोड़ का फर्जीवाड़ा… कैसे हो जांच? जब अधिकारी ही डाल रहे पर्दा; मंत्री बोले- ‘हर हाल में होगी जांच’

जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार और घटिया सामग्री के उपयोग की जांच में विजिलेंस और गुणवत्ता विंग की तीन कमेटियां ही जांच में ढिलाई बरत रही है।

जयपुरMar 17, 2025 / 08:39 am

Lokendra Sainger

Jal Jeevan Mission

जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी

पुनीत शर्मा

जलदाय विभाग की पेयजल परियोजनाओं में इंजीनियर और ठेकेदारों की मिलीभगत से हुए 55 करोड़ के फर्जीवाड़े पर जांच अधिकारी ही पर्दा डाल रहे हैं। परियोजनाओं में भ्रष्टाचार और घटिया सामग्री के उपयोग की जांच में विजिलेंस और गुणवत्ता विंग की तीन कमेटियां ही जांच में हीलाहवाली कर रही है।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की जांच विंग में तैनात इंजीनियर ही जांच से पिंड छुड़ाना चाहते हैं। उन्हें मालूम है कि जांच हुई तो 150 इंजीनियरों पर गाज गिर सकती है। मामले में जल कनेक्शन किए बिना जन जीवन मिशन (जेजेएम) पोर्टल पर फर्जी एंट्री कर श्री श्याम ट्यूबवेल व गणपति टयूबवेल कंपनी को 55 करोड़ का भुगतान करने का आरोप है।
इससे पहले भी जयपुर, अलवर, कोटपूतली, बहरोड़, नीमकाथाना में अनियमित भुगतान की जांच के लिए क्रॉस रीजन कमेटियों ने 10 प्रतिशत जांच कर मामले को दबा दिया था।

इंजीनियर लॉबी का दबाव

श्रीश्याम और गणपति टयूबवेल कंपनी ने पांच जिलों में इरकॉन कंपनी का फर्जी प्रमाण-पत्र लगा कर 900 करोड़ के टेंडर लिए। जानकारों का कहना है कि सीनियर इंजीनियरों के दबाव के चलते कमेटियों में शामिल विजिलेंस और गुणवत्ता विंग के इंजीनियर जांच कमेटियों से ही निकलना चाहते हैं।

जांच से कन्नी काट रहे इंजीनियर

भुगतान में भ्रष्टाचार की जांच के लिए 31 जनवरी 2025 को विजिलेंस और गुणवत्ता नियंत्रण विंग में तैनात इंजीनियरों की तीन कमेटियां बनाई गई। कमेटियों को 15 जनवरी तक रिपोर्ट अतिरिक्त मुख्य सचिव को देनी थी। अधीक्षण अभियंता केके अग्रवाल, अधिशासी अभियंता प्रदीप गुप्ता और अधीक्षण अभियंता विश्वजीत नागर की अध्यक्षता में बनी तीनों कमेटियों ने एक माह बाद भी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। वहीं कमेटी में शामिल इंजीनियरों अब इसकी जांच से पीछा छुड़ाना चाह रहे हैं।
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ऐसे हुआ फर्जी भुगतान

जेईएन और एईएन ने बिना काम और मौके पर पाइप नहीं होने पर भी माप पुस्तिका में गलत एंट्री कर दोनों फर्मों को भुगतान करवा दिया। फर्मों को 55 करोड़ के फर्जी भुगतान के मामले में 150 इंजीनियरों को नोटिस जारी
कर जबाव मांगा गया था। इंजीनियरों के जबाव का तीन कमेटियां जांच कर रही हैं कि फील्ड इंजीनियरों ने गलत भुगतान किया या नहीं। इन कमेटियों की रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई संभावित हैं।

जांच कहां तक पहुंची, लेंगे जानकारी

कांग्रेस सरकार के समय जेजेएम में हुई वित्तीय अनियमिताओं की जांच हर हाल में होगी। अभी विधानसभा सत्र भी चल रहा है और इस वजह से भी हमारे अधिकारी व्यस्त थे 55 करोड़ के अनियमित भुगतान मामले में गठित तीनों कमेटियों की जांच कहां तक पहुंची इसकी जानकारी सोमवार को अधिकारियों से ली जाएगी।- कन्हैया लाल चौधरी, जलदाय मंत्री

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