जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पहले दिन शाम को 13वीं-14वीं शताब्दी के सूफी संत अमीर खुसरो की कविताओं की भारतीय शास्त्रीय फ्यूजन के माध्यम से प्रस्तुति ने रंग जमाया। जयपुर म्यूजिक स्टेज कार्यक्रम में कीबोर्ड वादक अभिजीत पोहनकर की ‘द अमीर खुसरो प्रोजेक्ट’ ने खुसरो की खूबसूरत कविताओं में अपनी प्रस्तुति देकर वाह—वाह लूटी।
उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत ‘जय जय निजामुद्दीन… के साथ की। इसके बाद धिन ता ना धिन धिन ता ना… की प्रस्तुति देकर श्रोताओं की तालियां बटोरी। इस बीच उन्होंने वेब सीरीज हीरा मंडी का गाना ‘सकल वन फूल रही सरसों… की प्रस्तुति दी तो श्रोता भी सुर से सुर मिलाते नजर आए।
वहीं विदाई गीत ‘मोहे काहे को ब्याही विदेश… की प्रस्तुति दी। इंडियन क्लासिकल फ्यूजन व की बोर्ड में प्रसिद्धि पाने वाले अभिजित ने ‘कबीरा खड़ा बाजार में’ के माध्यम से प्रेम और एकता के संदेश दिया। इस बीच वाद्य यंत्रों पर कलाकारों की प्रस्तुति ने लोगों को जोड़े रखा।