राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी की गिरफ्तारी से लेकर जमानत तक के प्रकरण ने उन्हें फिर से सुर्खियों में ला दिया है। शनिवार को जयपुर की गांधी नगर थाना पुलिस ने निर्मल चौधरी को परीक्षा केंद्र के बाहर से गिरफ्तार किया था। इसके बाद रविवार को उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई है। छात्र राजनीति में कभी साधारण सी पहचान रखने वाले निर्मल ने साल 2022 में निर्दलीय राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष चुनाव जीत इतिहास लिख दिया था।
निर्मल चौधरी नागौर के छोटे से गांव धामणिया के रहने वाले हैं। साधारण परिवार में जन्मे निर्मल के पिता दयालराम चौधरी पेशे से सरकारी अध्यापक हैं। वहीं उनकी माता रूपादेवी ग्रहणी हैं। साथ ही मां रूपादेवी खेतीबाड़ी भी देखती हैं। निर्मल चौधरी को छात्र राजनीति में लाने का श्रेय लाडनूं विधायक मुकेश भाखर को जाता हैं। भाखर ही चौधरी के राजनीतिक गुरू बताए जाते हैं।
निर्मल चौधरी- फाइल फोटो- पत्रिका
2022 में सभी को चौंकाया
छात्र राजनीति में सक्रिय निर्मल चौधरी ने एनएसयूआई से टिकट नहीं मिलने के बाद छात्रसंघ चुनाव में निर्दलीय ताल ठोक दी थी। उनका मुकाबला NSUI की रितु बराला, ABVP के नरेन्द्र यादव और एनएसयूआई की बागी एक मंत्री की बेटी निहारिका मीणा से था। इस चुनाव में मिली जीत ने निर्मल चौधरी को छात्र राजनीति का चमकता चेहरा बना दिया। साल 2024 में उन्होंने एनएसयूआई ज्वाइन कर ली थी।
थप्पड़ कांड बना था सुर्खियां
साल 2023 में हुए एक थप्पड़ कांड ने निर्मल चौधरी को फिर सुर्खियों में ला दिया था। दरअसल महारानी कॉलेज में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान उस वक्त छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी को महासचिव अरविंद जाजड़ा ने थप्पड़ जड़ दिया था। मंच पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मौजूद थे। इस मामले से प्रदेश की राजनीति गरमा गई थी।
शनिवार को क्यों हुए थे गिरफ्तार
आपको बता दें कि एमए दर्शन शास्त्र चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र निर्मल चौधरी को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया था। वे जैसे ही एग्जाम खत्म होने के बाद सेंटर से बाहर निकले, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि निर्मल चौधरी के खिलाफ साल 2022 में गांधी नगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें राजकीय कार्य में बाधा और सरकारी कर्मचारी के साथ मारपीट और तोड़फोड़ का आरोप हैं।
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जमानत के बाद क्या बोले निर्मल
आपको बता दें कि निर्मल की जमानत के लिए दिल्ली से एडवोकेट विमल त्यागी को भेजा गया था। निर्मल ने कोर्ट से निकलते ही सबसे पहले राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का धन्यवाद जताया। निर्मल कोर्ट से निकलने के बाद सबसे पहले संगरिया से कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया के घर पहुंचे थे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि हर अत्याचार और अन्याय की उम्र बहुत छोटी है। मुझे न्यायपालिका पर पूरा विश्वास था। मैं भगत सिंह का अनुसरण करता हूं, मेरा हौसला कभी भी टूट नहीं सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि रातभर डंडे के दम पर मुझे टॉर्चर किया गया। निर्मल ने कहा कि पुलिस ने मेरी दोनों बहनों और पूरे परिवार को जेल के अंदर डालने की धमकी दी थी। मैं डरने वाला नहीं हूं। इसी मजबूती के साथ आगे भी लडूंगा। इससे पहले निर्मल जोधपुर के रेजिडेंट डॉ. राकेश विश्नोई की आत्महत्या के बाद सवाई मानसिंह हॉस्पिटल की मोर्चरी के बाहर धरने के दौरान भी चर्चा में थे। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने पुलिस से बदसलूकी की थी।