मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार साढ़े 11 हजार ग्राम पंचायतों में अटल ज्ञान केंद्र की स्थापना करेगी। इसके साथ ही इतने ही अटल प्रेरक लगाने की घोषणा की है। इन केंद्रों पर ई-लाइब्रेरी की सुविधा होगी, जहां ग्रामीण युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
प्रदेश में होंगे ये विशेष कार्यक्रम
इस दौरान सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि 26 दिसंबर को प्रत्येक पंचायत समिति मुख्यालय पर अटल जनसेवा शिविर आयोजित किए जाएंगे। राज्य के सभी स्कूलों में कंप्यूटर कक्षों का नाम ‘अटल कंप्यूटर कक्ष’ रखा जाएगा। वहीं, ई-गवर्नेंस अवॉर्ड का नाम बदलकर ‘अटल ई-गवर्नेंस अवॉर्ड’ कर दिया गया है। अटल जी के व्यक्तित्व को किया याद
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि अटल जी का व्यक्तित्व समुद्र की गहराई और आकाश की विशालता लिए हुए था। वे केवल एक नेता नहीं, बल्कि कवि, प्रखर विचारक और भारत मां के सच्चे सपूत थे। उनका हर शब्द प्रमाणिकता और सरसता से भरा होता था, जिसे विपक्ष भी गंभीरता से सुनता था। उन्होंने राजनीति में सुशासन और संवेदना का महत्व स्थापित किया।
वहीं, इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी ने अपने जीवन को देश के लिए समर्पित किया। उन्होंने सुशासन, पारदर्शिता और राजनीतिक शुचिता को प्राथमिकता दी। उनके विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं और हम उनके आदर्शों पर चलकर राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मदन राठौड़ ने सुनाया रोचक किस्सा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने अटल बिहारी वाजपेयी के पाली दौरे का किस्सा साझा करते हुए कहा कि 1971 में पाली में वाजपेयी जी हमारे प्रत्याशी सम्पतमल गांधी के लिए प्रचार करने आए थे। रेलवे स्टेशन पहुंचकर उन्होंने अटल बिहारी वाजपेई से पूछा कि आपने भोजन किया तो उन्होंने कहा कि आपने पूछा ही नहीं उसके बाद मुझे स्कूटर से सम्पत मल गांधी के घर भोजन लेने के लिए भेजा गया। मैं उनके लिए भोजन लेकर आया और उन्होंने रेलवे के रिटायरिंग रूम में बैठकर भोजन किया।