क्यों किए जिले रद्द? मंत्री ने दिया जवाब
प्रेसवार्ता में जिलों को रद्द करने के निर्णय को लेकर मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि चुनाव से पहले नए जिले और संभाग बनाए गए थे वह व्यवहारिक नहीं थे। वित्तीय संसाधन और जनसंख्या के पहलुओं को अनदेखा किया गया। अनेक जिले ऐसे थे, जिनमें 6-7 तहसीलें नहीं थी। इतने जिलों की आवश्यकता होती तो इसका परीक्षण किया जाता। इन सबको अनदेखा किया। उन्होंने कहा कि इसमें ना तो पद सृजित किए, ना ऑफिस बिल्डिंग दी और ना ही दूसरी व्यवस्थाएं की, केवल 18 विभागों में पद सृजन की व्यवस्था की गई। मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि ये जिले राजस्थान पर अनावश्यक भार डाल रहे हैं। रीव्यू के लिए बनी कमेटी ने पाया कि इन जिलों की उपयोगिता नहीं है।
इन जिलों और संभागों को किया रद्द
3 संभाग निरस्त: सीकर, पालीऔर बांसवाड़ा 9 जिले समाप्त: दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर जिलें खत्म ये जिले रहेंगे: डीग, बालोतरा, खैरथल-तिजारा, ब्यावर, कोटपूतली-बहरोड़, डीडवाना-कुचामन, फलोदी और संलूबर सीईटी की वैद्यता 3 साल की
सीईटी की वैद्यता को लेकर भजनलाल कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट मीटिंग के बाद मंत्री सुमित गोदारा और मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अब सीईटी की वैद्यता को तीन साल किया गया है। इससे पहले सीईटी की वैद्यता एक साल होती थी, लेकिन भजनलाल कैबिनेट ने अब इसकी वैद्यता को तीन साल किया है।
ग्राम पंचायतों का होगा पुर्नगठन
इसके अलावा भजनलाल कैबिनेट ने राजस्थान में ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के पुर्नगठन का बड़ा फैसला लिया है। बैठक के बाद प्रेंस कॉफ्रेंस में मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि राजस्थान में ग्राम पंचायतों का पुर्नगठन होगा। मंत्री ने बाताया कि जिलों के हिसाब से राजस्थान को सामान्यत तीन हिस्सों में बांटा जाता है। एक सामान्य जिले, दूसरा मरुस्थलीय जिले और तीसरा आदिवासी बाहुल्य जिले। इन तीनों में आबादी के आधार पर ग्राम पंचायतों का पुर्नगठन होगा।