अब राजस्थान में 41 जिले और 7 संभाग रहेंगे
अशोक गहलोत सरकार का फैसला भजनलाल सरकार ने बदल दिया है। अशोक गहलोत सरकार में बने 17 नए जिलों में से 9 जिले और तीन संभाग को खत्म कर दिया गया है। कैबिनेट फैसले के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि कैबिनेट के फैसले के बाद अब अब राजस्थान में 41 जिले और 7 संभाग रहेंगे।भजनलाल सरकार ने 9 नए जिले किए रद्द, तीनों संभाग भी निरस्त, CET की वैद्यता अब 3 वर्ष; जानें कैबिनेट के अहम फैसले
नए जिले और संभाग व्यवहारिक नहीं थे, इसलिए बदला फैसला
मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा चुनाव से पहले नए जिले और संभाग बनाए गए थे। वह व्यवहारिक नहीं थे। वित्तीय संसाधन और जनसंख्या के पहलुओं को अनदेखा किया गया। अनेक जिले ऐसे थे, जिनमें 6-7 तहसीलें नहीं थी। इतने जिलों की आवश्यकता होती तो इसका परीक्षण किया जाता। इन सबको अनदेखा किया गया, इसमें न तो पद सृजित किए, न ऑफिस बिल्डिंग दी और न ही दूसरी व्यवस्थाएं की, केवल 18 विभागों में पद सृजन की व्यवस्था की गई। ये जिले राजस्थान पर अनावश्यक भार डाल रहे हैं। रीव्यू के लिए बनी कमेटी ने पाया कि इन जिलों की उपयोगिता नहीं है।CET की पात्रता वैधता को बढ़ाया गया
कैबिनेट बैठक में एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। कैबिनेट बैठक में सीईटी की पात्रता वैधता को बढ़ाया गया। अब सीईटी की वैधता को तीन साल कर दिया गया है। अभी तक सीईटी की वैधता एक साल होती थी। बीते दिनों राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) का आयोजन किया था। सीईटी के परीक्षा परिणाम का परीक्षार्थी बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस फैसले के बाद परीक्षार्थी की बाछें खिल गई हैं।भजनलाल कैबिनेट के बड़े फैसले
1- 2025 में 1 लाख बेरोजगारों को नौकरी देगी भजनलाल सरकार।2- आगामी 4 साल में 3 लाख नौकरियों का रखा गया टारगेट।
3- 31 दिसंबर तक जिन्होंने KYC नहीं कि उनके नाम हटेंगे।
4- खाद्य सुरक्षा योजना के नए लाभार्थी के नाम जोड़ने का फैसला।
5- परिनिन्दा दंड समाप्त करने का अनुमोदन।
6- TAD में छात्रावास अधीक्षक के लिए पात्रता बदली।
7- पशुधन सहायकों का बदलेगा पदनाम।