पुलिस जांच में यह साफ हुआ है कि जेल से बाहर लाकर कैदियों को VIP ट्रीटमेंट देने का पूरा खेल, जेल प्रशासन, पुलिस गार्ड, अस्पताल स्टाफ और परिजनों की मिलीभगत से खेला गया।
मेडिकल चेकअप के बहाने पहुंचे होटल
पुलिस के अनुसार, रफीक बकरी, भंवर लाल, अंकित बंसल और करण गुप्ता नामक चार कैदियों को नियमित मेडिकल चेकअप के लिए सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल ले जाया जाना था। लेकिन अस्पताल पहुंचने के बजाय ये कैदी होटलों में पहुंचे, जहां उन्होंने पत्नियों और प्रेमिकाओं से मुलाकात की, डिनर किया और शराब पार्टी भी की। आईजी रेंज के निर्देश पर की गई कार्रवाई में सामने आया कि सिर्फ एक कैदी अस्पताल पहुंचा, बाकी फरार हो गए।
फरारी का मास्टरमाइंड एक सजायाफ्ता
पुलिस का दावा है कि फरारी का मास्टरमाइंड एक सजायाफ्ता जबरन वसूली करने वाला अपराधी है, जो अभी भी जेल के भीतर से पूरी साजिश चला रहा था। चारों कैदियों ने एक बिचौलिए के माध्यम से करीब 25,000 रुपये में ‘आज़ादी’ का सौदा किया। कांस्टेबलों को प्रति व्यक्ति 5,000 रुपये रिश्वत दी गई।
कैदी होटल कर रहे थे नाश्ता
पुलिस ने बताया कि कैदी रफीक और भंवर को जलूपुरा स्थित होटल से पकड़ा गया, जहां रफीक की पत्नी नशीले पदार्थों के साथ मिली, और NDPS एक्ट में मामला दर्ज हुआ। वहीं, अंकित और करण को जयपुर एयरपोर्ट के पास एक होटल में पकड़ा गया, जहां वे नाश्ते में पोहा खा रहे थे। होटल की बुकिंग अंकित की गर्लफ्रेंड के नाम से की गई थी। जांच के दौरान पुलिस ने अप्रैल से अब तक 200 से अधिक कॉल इंटरसेप्ट किए हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तक को धमकियां, रिश्वत की बातचीत और मोबाइल फोन का जेल में दुरुपयोग सामने आया है। यह भी पता चला कि कैदी सोशल मीडिया पर भी सक्रिय थे और होटलों में मोबाइल से वीडियो कॉलिंग और पोस्टिंग तक की जा रही थी।
आखिर कब तक सहेगा राजस्थान?- गहलोत
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में जेल से मुख्यमंत्री जी को जान से मारने तक की धमकी फोन कॉल से दी जाने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जेल में मोबाइल फोन मिलना और रेस्टोरेंट्स से खाना मंगाने की खबरें आती रही हैं। अब जयपुर में जेल से अस्पताल के लिए निकले कैदियों का प्रेमिका एवं पत्नियों के साथ होटल में मिलना पुलिस एवं जेल प्रशासन की पोल खोलने वाला है। भाजपा सरकार के राज में ये नए-नए तरह की वारदातें देखने, सुनने को मिल रही हैं। आज राजस्थान में कानून-व्यवस्था चौपट हो चुकी है। हर जिले से ऐसी खबरें सामने आ रही हैं पर ऐसा लगता है राज्य सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। राजस्थान को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। आखिर कब तक सहेगा राजस्थान?
क्राइम ब्रांच को सौंपी जा सकती है जांच
फिलहाल पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, होटल एंट्री रजिस्टर, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है। अब इस पूरे रैकेट की जांच जयपुर कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच को सौंपे जाने की संभावना है। वहीं, सवाई मान सिंह थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है।