जयपुर। बजट में प्रदेश के बुनियादी ढांचे (इन्फ्रास्ट्रक्चर) की मजबूत बुनियाद पर फोकस करते हुए सरकार ने कमिटमेंट जारी रखा है। इस क्षेत्र में निजी भागीदारी के साथ राज्य में शहरी विकास बढ़ाने का भी अलग प्रयोग देखने को मिलेगा। यह प्रयोग सफल रहा तो शहरों के डवलपमेंट में चार चांद लग जाएंगे।
इस बार सडक़ और ब्रिज डवलपमेंट के लिए कुल बजट का 4.7 प्रतिशत प्रावधान किया गया है, ताकि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा सके। ओवरब्रिज, एलीवेटेड रोड, आरओबी, बिजली, पानी जैसी जरूरतों के लिए पिछले बजट से बहुत ज्यादा कुछ नहीं है, लेकिन इनोवेशन करने का जरूर प्रयास किया गया है।
शहरी विकास को नई दिशा देने का दावा करते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय शहरी विकास योजना लाई गई है। जो प्रोजेक्ट अब तक बिखरे हुए थे, उसे एक छत के नीचे लाने का काम किया है। इसके तहत ठोस कचरा प्रबंधन, वेस्ट वाटर मैनेजमेंट, सीवरेज व ड्रेनेज सहित अन्य शहरी सुविधाओं पर एक साथ का होगा। इसके लिए 12050 करोड़ रुपए आवंटन किया गया है।
यह पहली बार होगा
1. शहरी लोगों के लिए जल जीवन मिशन शुरू होने से हर घर नल से जुड़ेगा। 2. दूसरे राज्यों से महंगी बिजली लेने की बैंकिंग प्रक्रिया को खत्म कर सस्ती बिजली उत्पादन पर ज्यादा काम होगा। 3. एक साथ 9 ग्रीन एक्सप्रेस-वे के लिए बजट आवंटित किया गया। इससे सडक़ नेटवर्क, कनेक्टिविटी को मजबूत होगी ही, साथ ही आस-पास का एरिया डवलप हो सकेगा। 4. प्रदेश के 15 शहरों में रिंग रोड के लिए डीपीआर बनेगी।
शहरी विकास और आवास: इस बार 15344 करोड़ का प्रावधान किया है, जबकि पिछले वर्ष 2024-25 में यह 14600 करोड़ रुपए था। पीएम आवास योजना के तहत 1.5 लाख नए घरों के निर्माण का टारगेट तय किया है, जो पिछले बजट की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है।
सड़क और परिवहन: सड़कों के विकास और मरम्मत के लिए इस बार 13200 करोड़ का आवंटन किया है, जो पिछले वर्ष के 12500 करोड़ से अधिक है। ऊर्जा क्षेत्र: ऊर्जा क्षेत्र के लिए 48341 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो पिछले बजट 2024-25 की तुलना से 3841 करोड़ रुपए ज्यादा है।
जलापूर्ति व सीवरेज सुधार: पिछले वर्ष जल आपूर्ति एवं सीवरेज सिस्टम के लिए 8 हजार करोड़ का प्रावधान था, जिसे इस बजट में बढ़ाकर 8761 करोड़ रुपए कर दिया। इस बार 1.04 लाख किलोमीटर नई पाइपलाइन बिछाने की योजना है।