पुलिस के अनुसार, दौसा की श्यालावास जेल में बंद कैदी रिंकू ने जयपुर कंट्रोल रूम में फोन कर मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी दी थी। फिलहाल रिंकू दौसा जेल में पॉक्सो एक्ट के तहत सजा काट रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कंट्रोल रूम में तैनात एएसआई रमेशचंद्र यादव ने विधायकपुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और चारों आरोपियों को हिरासत में लिया।
बता दे, इस पूरे ऑपरेशन की कमान एडिशनल डीसीपी साउथ ललित शर्मा के हाथ में है। जबकि डीसीपी साउथ दिगंत आनंद इस मामले को सुपरविजन कर रहे हैं।
कैसे पहुंचा मोबाइल और सिम?
पुलिस जांच में पता चला कि शहज़ाद खान ने जेल में मोबाइल फोन उपलब्ध कराया था, जबकि जयनारायण मीणा के नाम पर खरीदे गए दो सिम कार्ड का इस्तेमाल किया गया। जेल में तैनात सरकारी कंपाउंडर राकेश जोशी ने 1500 रुपये में शहज़ाद के जरिए यह मोबाइल और सिम रिंकू तक पहुंचाया। विधायकपुरी थाना प्रभारी बी.एल. मीणा के नेतृत्व में सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दो दिन का रिमांड भी हासिल किया है।
जेल प्रशासन पर भी गिरी गाज
इस घटना के बाद जेल प्रशासन पर सवाल उठे कि आखिर कैदियों तक मोबाइल कैसे पहुंचा। इससे पहले दौसा पुलिस ने श्यालावास जेल के जेलर राजेश डूकिया को हटा दिया और उन्हें एपीओ कर दिया। वहीं, नए जेलर के रूप में विकास भगोरिया की नियुक्ति की गई है। इसके साथ ही हेड वार्डर रामप्रसाद और वार्डर महेंद्र मीणा को निलंबित कर दिया गया, जबकि होमगार्ड रामनारायण के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब मुख्यमंत्री को जेल से धमकी दी गई हो। इससे पहले भी दौसा जेल से पॉक्सो एक्ट में सजा काट रहे एक कैदी ने ऐसा किया था। इस बार पुलिस और जेल प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से आरोपियों को तुंरत पकड़ लिया गया।