मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा हादसे की गंभीरता को देखते हुए पहले एसएमएस अस्पताल में घायलों से मिलने पहुंचे। इसके बाद उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण भी किया। एफएसएल जांच में पाया गया कि, जब मुख्यमंत्री वहां मौजूद थे, तब भी टैंकर से गैस का रिसाव हो रहा था।
हालांकि, पुलिस ने सूझबूझ दिखाते हुए लोगों को घटनास्थल से दूर रखा। एफएसएल की ओर से पुलिस को सौंपी गई विस्तृत रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट से साफ है कि, यदि टैंकर के पास कोई चिंगारी उठती, तो एक और बड़ा विस्फोट हो सकता था।
गैस की पहचान में भी था भ्रम
शुरुआती जांच में टैंकर में सीएनजी होने की बात सामने आई। बाद में एफएसएल ने पुष्टि की कि टैंकर में एलपीजी भरी हुई थी। पुलिस ने दो बार एफएसएल से गैस की प्रकृति की जांच करवाई और दोनों ही रिपोर्ट में एलपीजी होने की ही पुष्टि हुई। 20 लोगों का जीवन लील गया हादसा
जयपुर-अजमेर हाईवे पर भांकरोटा स्थित डीपीएस कट 15 दिन पहले हुए इस भयानक हादसे में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 8 घायलों का इलाज चल रहा है। 16 घायलों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
एफएसएल से सहायक निदेशक डॉ. मुकेश शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक कमलेश कुमार पंकज, रश्मि गुप्ता व संजय शर्मा ने घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया। इनकी रिपोर्ट के अनुसार- -टैंकर के निचले हिस्से में तीन वॉल्व में छेद पाए गए, जिनसे गैस का रिसाव हो रहा था।
-घटनास्थल पर जले हुए मलबे, धात्विक पार्ट्स, वॉल-बॉक्स और फटा हुआ अग्निशमन सिलेंडर मिले। -टैंकर का केबिन और टायर पूरी तरह से जलकर नष्ट हो गए थे। -निचले हिस्से में तीन Valve के छेद (Hole) मिले जिनमें से वक्त निरीक्षण गैस का लीकेज पाया गया।