उन्होंने कहा कि जयपुर एक ऐतिहासिक और तेजी से बढ़ता शहर है और मेट्रो का विस्तार यहां की बढ़ती आबादी और यातायात दबाव को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाएगा। राज्य सरकार की मंशा है कि जयपुरवासियों के लिए सुगम एवं अत्याधुनिक परिवहन तंत्र विकसित किया जाए जिससे जयपुर स्मार्ट सिटी की दिशा में देशभर में मॉडल शहर बने।
सीएम ने कहा कि मेट्रो फेज-2 के तहत प्रोजेक्ट में खर्चे व लागत का समुचित आकलन किया जाए, ताकि वित्तीय संसाधनों का सदुपयोग होने के साथ ही आमजन के लिए भी बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने मेट्रो की डीपीआर में प्रस्तावित रूट, अनुमानित लागत, परियोजना की व्यवहार्यता तथा वित्तीय मॉडल की जानकारी ली।
रेलवे स्टेशन-एयरपोर्ट के नजदीक बनाएं मेट्रो स्टेशन
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि परियोजना में आमजन की सुविधा को सर्वोपरि रखते हुए रूट का निर्धारण किया जाए। उन्होंने कहा कि मेट्रो स्टेशन ऐसे स्थानों पर बनाए जाएं जो आम लोगों की पहुंच में हों, और इसके साथ-साथ रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट के नजदीक मेट्रो स्टेशन बनाया जाना सुनिश्चित करें। जिससे मेट्रो की उपयोगिता अधिकतम हो।
बैठक में मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने मेट्रो परियोजना के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) शिखर अग्रवाल, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री) आलोक गुप्ता, जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के सीएमडी वैभव गालरिया, जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त आनंदी सहित जयपुर मेट्रो से संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।