गौरतलब है कि 25 योजनाओं की प्रोग्रेस रिपोर्ट की मॉनिटरिंग से लेकर कामकाज की निगरानी आयोजना विभाग रखेगा। साथ ही काम और खर्च को लेकर हर महीने की 7 तारीख तक सीएमओ को रिपोर्ट भेजनी होगी। जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव भी इन योजनाओं के कामकाज की लगातार मॉनिटरिंग करने के लिए बैठकें लेंगे।
25 योजनाओं को फ्लैगशिप प्रोग्राम में किया शामिल
इसमें जल जीवन मिशन, नमो ड्रोन दीदी, सोलर दीदी, लखपति दीदी, बैंक सखी, कृषि सखी और पशु सखी, कुसुम योजना ए, बी और सी, बिजली में संशोधित वितरण क्षेत्र योजना RDSS, लाडो प्रोत्साहन योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई, खाद्य सुरक्षा योजना में नए परिवारों को जोड़ना शामिल हैं। साथ ही प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन,कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन शहरी, स्वामित्व योजना, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान, अटल ज्ञान केंद्र, मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY), अटल प्रगति पथ,प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी,प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन शहरी, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, मुख्यमंत्री सम्मान निधि योजना,पीएम विश्वकर्म योजना , मिशन हरियालो राजस्थान – एक पेड़ मां के नाम अभियान, जल जीवन मिशन,अमृत योजना,पंच गौरव योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना शामिल हैं।
JJM में राजे ने जताई थी नाराजगी
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पिछले दिनों झालावाड़ जिले में एक कार्यक्रम के दौरान जल जीवन मिशन को लेकर अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई थी। राजे ने काम की लचर गति और पानी के संकट पर नाराजगी जताते हुए केंद्र की ओर से जारी फंड को लेकर गंभीर सवाल उठाए। जिसके बाद केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार एक्टिव हो गई है। अब सरकार ने जल जीवन मिशन की लगातार मॉनिटरिंग करने के लिए फ्लैगशिप प्रोग्राम में शामिल किया है।
क्या होता है फ्लैगशिप प्रोग्राम… ?
राज्य सरकार अपने कार्यकाल में केंद्र और राज्य की योजनाओं को खास फोकस में रखने के लिए फ्लैगशिप प्रोग्राम में शामिल करती है। इसके तहत फ्लैगशिप प्रोग्राम में शामिल योजनाओं की लगातार निगरानी होती है। हर महीने रिपोर्ट तैयार होने से खामियों और काम की धीमी रफ्तार के बारे में सीएम स्तर पता रहता है।