Rajastha Crime: बदमाशों के हाथ में एके-47, मुठभेड़ के दौरान भारी पड़ते बदमाश, पुलिस बेबस-लाचार
राजस्थान में डकैतों,हिस्ट्रीशीटरों और कुख्यात अपराधियों का पुलिस से कई बार आमना-सामना हुआ है और मुठभेड़ों में फायरिंग भी हुई है। लेकिन अब अपराधियों के पास एके-47 जैसे घातक हथियार मिलना आम बात होती जा रही है। इससे मुठभेड़ों के दौरान पुलिस के लिए खतरा और बढ़ गया है।
पुलिस की गिरफ्त में कुख्यात गैंग से जुड़े आरोपी, पत्रिका फोटो
राजस्थान में डकैतों, हिस्ट्रीशीटरों और कुख्यात अपराधियों का पुलिस से कई बार आमना-सामना हुआ है और मुठभेड़ों में फायरिंग भी हुई है। लेकिन अब अपराधियों के पास एके-47 जैसे घातक हथियार मिलना आम बात होती जा रही है। इससे मुठभेड़ों के दौरान पुलिस के लिए खतरा और बढ़ गया है। बहरोड़ थाने में घुसकर गैंगस्टर पपला गुर्जर को छुड़ाने की घटना में अंधाधुंध फायरिंग कर अपराधियों ने पुलिस को असहाय कर दिया था। वहीं बदमाशों के पास अत्याधुनिक हथियार मिलने पर पुलिस के होश फाख्ता हो गए हैं।
गोगामेड़ी हत्याकांड से पहले जगतपुरा पहुंची थी एके-47
पुलिस मुख्यालय की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने हाल ही धौलपुर और चूरू से एक-एक एके-47 बरामद की है। उल्लेखनीय है कि, जयपुर में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने वाले शूटरों को हथियार जगतपुरा में रह रहे हथियार तस्कर महेन्द्र ने उपलब्ध करवाए थे। पुलिस जब उसके फ्लैट पर पहुंची तो उसकी प्रेमिका के मोबाइल में फ्लैट में रखी एके-47 की तस्वीर मिली।
धौलपुर और चूरू से अब तक दो एके-47 बरामद
हथियार तस्कर महेन्द्र, लॉरेंस गैंग के रोहित गोदारा और अन्य गुर्गों के संपर्क में था। इसी तरह धौलपुर निवासी गिरफ्तार जीतू चम्बल, तेजपाल ठाकुर, जयपुर के हाथोज निवासी शिवराज सिंह और चूरू निवासी हिस्ट्रीशीटर जीतू जोड़ी भी रोहित गोदारा से एक-दूसरे के जरिए जुड़े हुए थे। अब बरामद दोनों एके-47 में से कौन-सी एके-47 महेन्द्र के पास थी या फिर उसके पास कोई अलग एके-47 थी, इसका खुलासा महेन्द्र के पकड़े जाने के बाद ही हो सकेगा। फिलहाल गोगामेड़ी हत्याकांड की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) कर रही है। एनआइए व हरियाणा पुलिस की टीम गुरुवार को धौलपुर पहुंची और आरोपियों से पूछताछ भी की।
पुलिस भी अत्याधुनिक हथियारों से होगी लैस
बदमाशों के पास अत्याधुनिक हथियार मिलने पर अब पुलिस बेड़े में भी पुलिसकर्मियों को अत्याधुनिक हथियार मुहैया कराने की मांग उठने लगी है। माना जा रहा है कि जल्द ही पुलिसकर्मियों को इंसास राइफल, एसएलआर की जगह एके 47 और एके 56 जैसे अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध होंगे। जिससे मुठभेड़ होने पर जांबाज पुलिसकर्मी बदमाशों का पूरे जोश से मुकाबला कर सकेंगे।