ऐसे दिया घटना को अंजाम
पीड़ित व्यक्ति कानोता निवासी परमांनद भार्गव ने पुलिस को बताया कि 23 मई को व्हाट्सएप पर एक अनजान नंबर से मैसेज और वीडियो कॉल आया। कॉल पर सामने वाला खुद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए का अधिकारी बताते हुए एक गंभीर आरोप लगा रहा था। उसने पीड़ित को बताया कि वह पहलगाम आतंकी हमले में संलिप्त है और उसके खिलाफ गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। डर और मानसिक दबाव में की पेमेंट
ठगों ने पीड़ित को धमकाते हुए कहा कि अगर वह तुरंत सहयोग नहीं करता, तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। डर और तनाव की स्थिति में पीड़ित ने तुरंत अपने बैंक शाखा पहुंचकर 6 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए। अगले दिन जब पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ, तो उन्होंने 27 मई की रात 11.40 बजे गांधीनगर थाना पहुंचकर साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई।पुलिस ने जांच पड़ताल करने के बाद अब रिपोर्ट दर्ज कर ली है। बताया जा रहा है कि कई घंटों तक परमानंद को डिजिटल अरेस्ट रखा गया और उसके बाद डरा-धमकाकर रुपए ट्रांसफर करा लिए।
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल या वीडियो कॉल पर विश्वास न करें। कोई भी सरकारी अधिकारी इस तरह की धमकी नहीं देता। यदि ऐसा कोई संदेहास्पद कॉल आता है, तो तुरंत साइबर सेल या पुलिस को सूचना दें। उल्लेखनीय है कि इसी तरह का मामला कल मानसरोवर से सामने आया था। बुजुर्ग को तीन दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया और 23 लाख रुपए का फ्रॉड किया गया।