हालांकि साइबर सपोर्ट सेंटर से मदद मिलने पर उनको थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने भेजा और रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर पुन: अवगत करवाने को कहा गया है। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने कहा कि थानों में आने वाले पीड़ितों की सीधी सुनवाई करें ताकि साइबर सपोर्ट सेंटर पर पीड़ित लोगों को कानूनी सलाह के साथ अन्य मदद मिल सके। पहले दिन मोनिका (परिवर्तित नाम) सेंटर पर पहुंची। युवती ने बताया कि अलग-अलग सोशल मीडिया आइडी से उसे धमकी दी जा रही है। धमकी देने वाला कह रहा है कि बातचीत करूं और उससे ही शादी करूं। शादी नहीं करने पर वह पीड़िता की अश्लील फोटो बनाकर मंगेतर को भेज देगा। धमकी देने वाले को पहचानती नहीं है। साइबर सपोर्ट टीम ने पीड़िता की तकनीकी मदद करने के साथ निर्भया स्क्वॉयड में उसकी शिकायत दिलवाई ताकि आरोपी की जानकारी जुटाई जा सके।
दो लाख की ठगी, सुनवाई नहीं हुई
साइबर सपोर्ट सेंटर पर रविवार को एक अन्य युवती पहुंची। उसने बताया कि सोशल मीडिया पर किसी ने कमाई करने का संदेश भेजा। युवती अनजान व्यक्ति से सोशल मीडिया के जरिये जुड़ गई। शुरुआत में छोटी रकम निवेश करने पर दो बार युवती के अकाउंट में निवेश की गई रकम से कुछ अधिक पैसे वापस आए। बाद में युवती को लालच देकर उसके 2 लाख रुपए ठग लिए। थाने गई लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की। तब युवती को पुलिस से कैसे मदद मिल सकेगी और बैंक से कैसे मदद लें, इसकी जानकारी दी गई और युवती को थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने भेजा। सेंटर में पैसों की साइबर ठगी होने के मामले अधिक आए।
इन मामलों में मिलेगी मदद
साइबर बुलिंग, ट्रोलिंग, साइबर स्टॉकिंग, रिवेंज पोर्न और ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी सहित ऑनलाइन संकट के पीड़ितों को मुफ्त मनोवैज्ञानिक, कानूनी और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। यहां कर सकते संपर्क: साइबर क्राइम के शिकार बच्चे और महिलाओं को काउंसलर मानसिक रूप से सहायता देकर साइबर क्रिमिनल तक पहुंचेंगे। साइबर सपोर्ट सेंटर पर इन नंबरों- 87648-66039, 87648-66040 पर सम्पर्क कर सकते हैं।