scriptGood Scheme: दूध पर 2 रुपए अतिरिक्त बोनस, 14 रुपए में 5 लाख बीमा, बेटियों के विवाह में 21 हजार रुपए मायरा, जानें पूरी योजना | Dairy scheme: Rs 2 extra bonus on milk, Rs 5 lakh insurance for Rs 14 and Rs 21 thousand dowry for daughters' marriage | Patrika News
जयपुर

Good Scheme: दूध पर 2 रुपए अतिरिक्त बोनस, 14 रुपए में 5 लाख बीमा, बेटियों के विवाह में 21 हजार रुपए मायरा, जानें पूरी योजना

Rajasthan Government Initiative : सीमावर्ती जिलों के दुग्ध उत्पादकों को बड़ी राहत: दूध पर बोनस, बीमा और मायरा योजना का लाभ, 20 हजार पशुपालकों को मिलेगा आर्थिक संबल।

जयपुरJul 03, 2025 / 10:48 am

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राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा। साभार X

Milk Producer Welfare : जयपुर। राजस्थान सरकार ने गुजरात बॉर्डर से सटे उदयपुर, बांसवाड़ा, बाड़मेर और रानीवाड़ा (जालौर) जिलों के दुग्ध उत्पादक पशुपालकों के लिए विशेष राहत योजना लागू की है। इसमें उन्हें दूध पर अतिरिक्त 2 रुपए प्रति लीटर बोनस, स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा, बेटियों की शादी में 21 हजार रुपए मायरा, बायोगैस प्लांट पर सब्सिडी और दूध प्रोसेसिंग प्लांट्स का आधुनिकीकरण जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। योजना से इन जिलों के 20 हजार से अधिक पंजीकृत पशुपालक लाभान्वित होंगे।
 डेयरी विभाग स्टेट बॉर्डर के जिलों के दुग्ध संघों को और अधिक सुदृढ़ करेगा। इसके लिए गुजरात बॉर्डर से सटे चार जिला दुग्ध संघ उदयपुर, बांसवाड़ा, बाड़मेर और रानीवाड़ा (जालौर) के लिए एक विशेष पॉलिसी बनाई जा रही है। इन जिलों के रजिस्टर्ड दुग्ध उत्पादक पशुपालकों के कल्याण तथा डेयरी प्लांट्स के अपग्रेडेशन के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। डेयरी, पशुपालन, गोपालन एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने इस कार्ययोजना की क्रियान्विति के लिए राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन की एमडी श्रुति भारद्वाज को निर्देशित किया है।

दुग्ध उत्पादकों को मिलेगा अतिरिक्त बोनस

स्टेट बॉर्डर पॉलिसी के तहत इन जिलों के दुग्ध उत्पादक पशुपालक किसानों को मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना में मिलने वाले 5 रुपए अनुदान के अतिरिक्त दो रुपए प्रति लीटर बोनस देने की योजना है। इन चारों जिला संघों में रोजाना औसतन एक लाख 75 हजार किलो दूध का संकलन होता है। इसके तहत कुल 20 हजार 786 दुग्ध उत्पादक किसान लाभान्वित होंगे। इनमें उदयपुर डेयरी के 11 हजार 447, रानीवाड़ा-जालौर के 5160, बाड़मेर के 2226 तथा बांसवाड़ा डेयरी संघ के 1953 पशुपालक किसान लाभान्वित होंगे।

10 फीसदी प्रीमियम पर मिलेगा हेल्थ कवर

इस योजना के तहत चार दुग्ध संघों के रजिस्टर्ड पशुपालक किसान के कुल चार सदस्यों का महज 370 रुपए यानी कुल प्रीमियम की 10 फीसदी राशि में ढाई लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा होगा। इसके अलावा केवल 14 रुपए में पांच लाख रुपए का दुर्घटना बीमा किया जाएगा। इसमें बीमाधारक की हादसे में मौत होने पर आश्रित परिवार को पांच लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा। यदि हादसे में बीमाधारक अपंग हो जाता है तो उसे ढाई लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। योजना में शेष 90 फीसदी प्रीमियम राशि आरसीडीएफ व संबंधित दुग्ध संघ वहन करेगा।

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‘सरस लाडो मायरा योजना’ का शुभारंभ

रजिस्टर्ड पशुपालक किसानों की बेटी के विवाह में भी आरसीडीएफ अपना सामाजिक दायित्व निभाएगा। इसके तहत ’सरस लाडो मायरा योजना’ इन जिलों में लागू करने की योजना है। सरकार के सहयोग से इन जिलों के रजिस्टर्ड करीब 20 हजार से ज्यादा दुग्ध उत्पादक किसानों की बेटियों की शादी में 21 हजार रुपए का पारंपरिक मायरा दिया जाएगा। यह योजना सामाजिक परंपरा को निभाने के साथ-साथ आर्थिक सहारा भी प्रदान करेगी। यह योजना केवल आर्थिक मदद नहीं बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव का माध्यम है। इसका उदेश्य लिंगानुपात सुधारना, बेटियों के जन्म को प्रोत्साहन देना और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को रोकना है। इससे किसानों विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को राहत मिलेगी।


फ्लैक्सी बायो गैस प्लांट पर मिलेगा 29 हजार रुपये का अनुदान

इन जिला संघों के रजिस्टर्ड दुग्ध उत्पादक किसानों के घरों में आरसीडीएफ के सहयोग से फ्लैक्सी बायोगैस प्लांट भी स्थापित किए जाएंगे। करीब 37 हजार रुपए की कीमत के इस बायो गैस प्लांट पर 29 हजार रुपए का अनुदान लाभार्थी को मिलेगा। इससे पशुपालक को हर महीने लगभग दो एलपीजी गैस सिलेंडर जितनी बायोगैस प्राप्त होगी।

अपग्रेड होंगे प्रोसेसिंग प्लांट्स

इन बॉर्डर स्टेट के दुग्ध संघों का मुनाफा बढाने के लिए मार्केटिंग की विशेष कार्ययोजना बनाई जाएगी। इसके लिए प्रत्येक जिला दुग्ध संघ में एक उच्च शिक्षित मार्केटिंग कंसलटेंट नियुक्त किया जाएगा। इस कंसलटेंट के वेतन व अन्य खर्च आरसीडीएफ वहन करेगा। इसके अलावा दुग्ध उत्पादक को मूल राशि का भुगतान भी समिति की बजाय सीधे उनके खाते में हस्तांतरित करने की योजना है।
चारों दुग्ध संघों के प्रोसेसिंग प्लांट्स की उत्पादन क्षमता बढाने के लिए इन्हें अपग्रेड किया जाएगा। इस कार्य में खर्च होने वाली राशि आरसीडीएफ के पुनर्वास फंड से जारी की जाएगी।

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