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Developed Rajasthan: 45 विभागों को 14 प्रमुख सेक्टर्स में विभाजित कर बनाया विस्तृत रोडमैप तैयार

Rajasthan Development Plan: 2047 तक राजस्थान कैसा होगा? मुख्यमंत्री ने खोला भविष्य का विजन, गांव छोड़ शहर भागना होगा बंद, सरकार की नई रणनीति तैयार।

जयपुरApr 26, 2025 / 11:15 am

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Rajasthan Vision Document: जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित बैठक में ‘विकसित राजस्थान-2047’ के विजन डॉक्यूमेंट पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में राजस्थान की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार के साथ-साथ प्रदेश की जनता की सक्रिय भूमिका भी अनिवार्य है।मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने के लिए राज्य सरकार ने 45 विभागों को 14 प्रमुख सेक्टर्स में विभाजित करते हुए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है। इस विजन डॉक्यूमेंट की प्रगति और निगरानी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया गया है। नीति आयोग से सुझाव प्राप्त कर इसे अंतिम रूप दिया गया है।

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2030 तक रोडमैप होगा पहला लक्ष्य

शर्मा ने बताया कि आगामी राज्य बजट भी ‘विकसित राजस्थान’ की थीम पर आधारित होंगे। पहले चरण में वर्ष 2030 तक का विकास रोडमैप तैयार किया जाएगा, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना, परिवहन, जल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने विजन डॉक्यूमेंट को आमजन की भाषा में तैयार कर व्यापक जनभागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

ग्रामीण-शहरी संतुलन व पलायन रोकना प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की समग्र प्रगति तभी संभव है जब ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों का विकास संतुलित हो। उन्होंने गांवों से शहरों की ओर होने वाले पलायन को रोकने के लिए गांवों में शिक्षा, पानी, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी आवश्यक सुविधाएं सुलभ कराने पर बल दिया।

पर्यावरण संरक्षण और जल प्रबंधन पर विशेष फोकस

जल संकट को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने वर्षाजल संचयन और भूमिगत जल पुनर्भरण जैसे उपायों को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने कहा कि “पानी की बचत ही वास्तविक आपूर्ति है।” सीवरेज के ट्रीटेड पानी का उपयोग जैसे उपायों से जल खपत को कम किया जा सकता है।

सार्वजनिक परिवहन और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

परिवहन क्षेत्र पर भविष्य में आने वाले दबाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने की जरूरत बताई। वहीं, खनिज उद्योगों को खनन क्षेत्रों के पास स्थापित करने का सुझाव दिया जिससे परिवहन लागत में कमी और प्रदूषण नियंत्रण दोनों संभव हो सके।पर्यटन क्षेत्र की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने शेखावाटी क्षेत्र की हवेलियों को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। साथ ही होटल और रिसॉर्ट्स की संख्या बढ़ाने के भी सुझाव दिए।

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